फीचर डेस्क। हिन्दू धर्म में चार त्यौहार प्रमुख माने गये हैं-रक्षाबंधन, दशहरा, दीपावली तथा होली। यह चारों त्यौहार चार वर्णों क्रमश: ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्रों के कहे जाते हैं पर इन त्यौहारों के दौरान वर्ण की यह दीवार गिर जाती है। कार्तिक मास की अमावस्या को मनाये जाने वाले त्यौहार दीपावली का माहौल वैसे तो दशहरा के बाद से ही बनने लगता है, पर इसकी विधवत शुरूआत दीपावली के 12 दिन पूर्व पडऩे वाले करवाचौथ नामक व्रत से हो जाती है, जब सुहागिनें अपने पति की कुशलता एवं दीर्घायु…
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आगरा में 14 से 16 नवम्बर तक हॉट एयर बैलून फेस्टिवल
लखनऊ। यूपी में साहसिक और एविएशन पर आधारित गतिविधियों के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 14 से 16 नवम्बर तक आगरा में ताज हॉट एयर बैलून महोत्सव का आयोजन पर्यटन विभाग द्वारा कराया जायेगा। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया कि महोत्सव में ब्रिटेन, अमेरिका, स्पेन, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका जैसे देशों के 15 विशेषज्ञ बैलूनिस्ट भाग लेंगे। इन सभी विशेषज्ञों द्वारा अपनी उड़ान क्षमताओं का प्रदर्शन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस महोत्सव के दौरान आगरा का आकाश बहुत सारे रंगीन गुब्बारों के साथ…
Read Moreजानिए कहां करोड़ों के जेवर और करेंसी से सजता है दरबार
फीचर डेस्क। एमपी के रतलाम का प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर बेशकीमती जेवरों और लाखों के नोटों से सजना शुरू हो गया है। यहां पर धन की देवी के लिए 500 रुपए तक के नोटों से खास वंदनवार बनाया जाता है। माणकचौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर में भक्तों ने दिवाली से पहले जेवर और नकदी भेंट करना शुरू कर दी है। इन जमा हुए आभूषणों से दिवाली से पहले तीन दिनों तक महालक्ष्मी का श्रृंगार किया जाएगा। वहीं चढ़ाई गई नगद राशि से मंदिर के गर्भगृह से लेकर पूरे परिसर को 10 से…
Read Moreअनोखा गांव: हफ्तेभर पहले ही मन जाता है त्योहार
फीचर डेस्क। रायपुर अपनी अनोखी लोक संस्कृति और परंपराओं के लिए विख्यात छत्तीसगढ़ में एक ऐसा गांव भी है, जहां के लोग अपने ग्राम देवता की प्रसन्नता के लिए चार प्रमुख त्योहार हफ्तेभर पहले ही मना लेते हैं। यह गांव है धमतरी जिले का सेमरा (सी)। इस गांव में सिर्फ दशहरा ही नियत तिथि को मनाया जाता है, बाकी दिवाली, होली जैसे कई बड़े त्योहार सप्ताहभर पहले ही मनाए जाते हैं। इस वर्ष भी जब पूरे देश के लोग दिवाली 11-12 नवंबर को मनाएंगे तो सेमरा (सी) में दिवाली के…
Read Moreबूंदी के कण-कण में चौहान वंश की शौर्यगाथा
फीचर डेस्क। राजस्थान के कोटा से 36 मिलोमीटर दूर यह छोटा सा रमणीय नगर बूंदी एक ऐसा अन्वेषित शहर है जिसके पास अपनी समृद्ध ऐतिहासिक संपदा है। यह ऐतिहासिक नगर चौहान वंश के वंशज हाड़ा चौहानों द्वारा शासित हाड़ौती राज्य की राजधानी रह चुका है। सन् 1193 में जब पृथ्वीराज चैहान सुल्तान मोहम्मद गौरी से हार गया उस समय कई चौहानों ने मेवाड़ की ओर कूच कर वहां आश्रय लिया और राणा के मित्र बन गये जब कि अन्य युवा सैनिको ने चंबल घाटी की ओर प्रस्थान किया और वहां…
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