विचित्र किंतु सत्य: हर वर्ष बढ़ जाती है शिवलिंग की ऊंचाई

फीचर डेस्क। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से महज 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है गरियाबंद जिला। जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर की दूरी पर बसे ग्राम मरौदा के जंगलों में प्राकृतिक शिवलिंग भूतेश्वर महादेव स्थित है। पूरे विश्व में इसकी ख्याति हर वर्ष बढऩे वाली इसकी ऊंचाई के लिए फैली हुई है। अर्धनारीश्वर इस शिवलिंग को भकुर्रा महादेव भी कहा जाता है। भूतेश्वर महादेव के स्थानीय पंडितों और मंदिर समिति के सदस्यों का कहना है कि हर महाशिवरात्रि को इसकी ऊंचाई और मोटाई मापी जाती है। सदस्यों का कहना…

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भानगढ़ का किला: जहां सूर्यास्त के बाद रुकना मना है

फीचर डेस्क। संसार में भूत प्रेतों का जिक्र होते ही लोगों की हालत पतली हो जाती है। विज्ञान भले ही हमेशा से इसको नकारता रहा हो मगर आज भी कई ऐसी जगह हैं जहां उनका आभास होता है। ऐसी ही एक जगह राजस्थान में है जहां आत्माओं का वास है और उनको खलल डालने वाले लोग पसंद नहीं हैं। दरअसल भानगढ़ राजस्थान के अलवर जिले में बसा एक खंडहर किला है। इसे अब देश-विदेश में भूतों के भानगढ़ के नाम से जाना जाता है। यहां पर देशी-विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या…

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सांगली के गणपति: देखते ही बनती है सुंदरता और समृद्धि

फीचर डेस्क। सोने का गणपति है सांगली का, अच्छा लगता है उसे चोला जरी का। ये कहावत कही जाती है महाराष्ट्र के साँगली के सुप्रसिद्ध गणपति के बारे में क्योंकि यहाँ के गणपति की सुंदरता और समृद्धि देखते ही बनती है। साँगली के आराध्य देव के रूप में प्रसिद्ध यह पंचायतन गणपति मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश यहाँ आने वाले भक्तों की झोली भरकर उन्हें भी सुख-समृद्ध करते हैं। इस मंदिर में सन 1844 में गणपति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।…

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हिन्दू और जैनियों में लोकप्रिय है माउंट आबू

फीचर डेस्क। देशी रेगिस्तान राजस्थान में माउंट आबू मतलब राजस्थान का स्वर्ग। यह राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। यह समुद्र तल से 1220 मीटर की ऊंचाई पर नीलगिरी की पहाडिय़ों पर बसा है। माउंट आबू की भौगोलिक स्थित और वातावरण राजस्थान के अन्य शहरों से भिन्न व मनोरम है। यह स्थान राज्य के अन्य हिस्सों की तरह गर्म नहीं है। माउंट आबू हिन्दू और जैन धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है। यहां का ऐतिहासिक मंदिर और प्राकृतिक खूबसूरती सैलानियों को अपनी ओर खींचती है। माउंट आबू हनीमून पॉइंट भी है।…

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नागचंद्रेश्वर: साल में केवल 24 घंटे के लिए खुलता है मंदिर

फीचर डेस्क। पुण्य भूमि पर सदियों से नागराज का वास है। इस दौरान नव नागों के जागृत होने और अनादि काल से होने की बात भी सामने आती रही है। जिसमें नागराज तक्षक, कालिया, अनंत, वासुकी जैसे नाग आज भी इस धरती पर निवास करते हैं। इन्हीं नागों में कुछ नागों का निवास अति प्राचीन क्षेत्र और मध्यप्रदेश के प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र उज्जैन में माना जाता है। यहां प्रसिद्ध ज्योर्तिलिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर के उपरी भाग में अर्थात् प्रथम तल पर भगवान नागचंद्रेश्वर का वास माना जाता है। माना…

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