फीचर डेस्क। मध्य प्रदेश के जबलपुर के रेवा के तट पर लम्हेरी ग्राम पंचायत में आने वाले एक ऐसे शिव मंदिर कुंभेश्वरनाथ के रहस्य से आपको परिचित करा रहे है, जो समूचे विश्व में एकमात्र है। ऐसा शास्त्रों और पुराणों का भी मत है। एक जिलहरी में दो शिवलिंग होना अपने आप में बहुत अनोखा है। कुंभेश्वरनाथ में राम, लक्ष्मण से पहले हनुमान ने भगवान शिव की आराधना कर यहां पर प्रकृति का संवर्धन व संरक्षण किया था। नर्मदा-पुराण व शिव-पुराण के मतानुसार यह शिवलिंग स्वयं नर्मदा के अंदर से…
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जानिए परशुराम ने कहां थी शिवलिंग की स्थापना
फीचर डेस्क। भगवान शंकर को सावन में कावड़ से जल चढ़ाने की परम्परा कब शुरू हुई यह विषय काफी प्राचीन है। इसके अलग-अलग प्रसंग मिलते हैं। लेकिन माना जाता है कि शिव के परम भक्त भगवान परशुराम पहले कांवडिय़े थे जिन्होंने इसकी शुरूआत की। कावड़ लाकर भोले नाथ का जलाभिषेक करने की शुरुआत कब और कहां से हुई कुछ ठीक तरह से कहना मुश्किल है। पर यह जरूर कहा जा सकता है कि भगवान परशुराम पहले कावडिय़े थे जिन्होंने गंगा जल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया। पंडित संजय पांडे…
Read Moreइंडिया का स्विटजरलैंड है खजियार
फीचर डेस्क। हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता के सभी कायल हैं। हिमाचल में ही स्थित खजियार अपनी खूबसूरती के कारण ही काफी मशहूर है और उसको मिनी स्विटजरलैंड भी कहा जाता है। पथरीली मिट्टी की भीनी-भीनी सोंधी सी महक, दूर-दूर तक फैली कोमल-मनमोहक हरियाली के बीच मन मचलाने वाली रंगीन शाम किसे पसंद नहीं होगी। चीड़ और देवदार के ऊँचे-लंबे हरे-भरे पेड़ों के बीच बसा खजियार दुनिया के 160 मिनी स्विटजरलैंड में से एक है। यहाँ आकर सैलानियों को आत्मिक शांति और सुकून मिलता है। पहाड़ी स्थापत्य कला में निर्मित 10वीं…
Read Moreहैंगिंग पिलर टेम्पल: अंग्रेज भी नहीं जान पाये थे रहस्य
फीचर डेस्क। आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले का लेपाक्षी मंदिर हैंगिंग पिलर्स (हवा में झूलते पिलर्स) के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। इस मंदिर के 70 से ज्यादा पिलर बिना किसी सहारे के खड़े हैं और मंदिर को संभाले हुए हैं। मंदिर के ये अनोखे पिलर हर साल यहां आने वाले लाखों टूरिस्टों के लिए बड़ी मिस्ट्री हैं। मंदिर में आने वाले भक्तों का मानना है कि इन पिलर्स के नीचे से अपना कपड़ा निकालने से सुख-समृद्धि मिलती है। अंग्रेजों ने इस रहस्य को जानने के लिए काफी कोशिश की,…
Read Moreभीमकुंड: डिस्कवरी भी नहीं कर पायी डिस्कवर
फीचर डेस्क। मध्यप्रदेश के छतरपुर में माजूद कुंड वैसे तो देखने में एक साधारण कुंड लगता है,लेकिन इसकी खासियत है कि जब भी एशियाई महाद्वीप में कोई प्राकृतिक आपदा घटने वाली होती है तो इस कुंड का जलस्तर पहले ही खुद-ब-खुद बढऩे लगता है. इस कुंड का पुराणों में नीलकुण्ड के नाम से जिक्र है, जबकि लोग अब इसे भीमकुंड के नाम से जानते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि भीमकुण्ड की गहराई अब तक नहीं मापी जा सकी है। कुण्ड के चमत्कारिक गुणों का पता चलते ही डिस्कवरी…
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