अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से फायदे

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर मची अफरा-तफरी अब खत्म हो रही है। भारत के राजनयिक और उद्योगपति उन्हें एक नजरिये से समझने में जुट गए है। पिछले दिनों विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि यह वक्त हड़बड़ी का नहीं बल्कि ठहरकर चीजों का ठीक से अध्ययन करने का है, उन्हें समझने का है। विदेशी नागरिकों और कंपनियों को लेकर सामने आ रही ट्रंप की नीति से एक बात तो बिलकुल साफ है कि अपने बाजार के लिए अमेरिका पर निर्भर भारतीय कंपनियों को अपनी रणनीति बदलनी…

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नकदी मुक्त अर्थव्यवस्था की सीमाएं

भरत झुनझुनवाला। हमारी अर्थव्यवस्था को सरकार शीघ्रातिशीघ्र डिजिटल इकोनॉमी की ओर ले जाना चाहती है। नकद लेनदेन पर टैक्स आरोपित करने की योजना है। सरकार की सोच है कि नकद लेनदेन कम होने से समानान्तर यानी ब्लैक इकोनॉमी पर बंदिश लगेगी। परन्तु तमाम विकसित देश डिजिटल इकोनॉमी को कई दशक पूर्व अपना चुके हैं। वहां भी नकद का उपयोग ब्लैक इकोनॉमी में जारी है। बैंक आफ इंग्लैंड की 2015 की क्वार्टरली रिव्यू में छपे एक पर्चे में कहा गया है कि बैंक द्वारा छापे गये नोटों में से आधे ही…

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देश हित में प्रगतिशील सोच

अनूप भटनागर। देश में इस समय लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ ही कराने के सवाल पर चर्चा छिड़ी हुई है। चुनाव एक साथ कराने के पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि ऐसा करने से इन पर होने वाले खर्च में कटौती होगी और राष्ट्र का बेशकीमती समय बच सकेगा, जिसका उपयोग और दूसरे कार्यों में हो सकेगा। वैसे चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा नयी नहीं है। पहले भी यह विषय उठता रहा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र…

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गंगा शुद्धि : मोदी का सपना रह जाएगा अधूरा

ज्ञानेन्द्र रावत। नरेन्द्र मोदी सरकार गंगा की शुद्धि के बारे में लाख दावा करती रहे लेकिन असलियत है कि यह सपना सपना ही रह जाएगा. हालात और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की टिप्पणी इसका जीता-जागता सबूत है. एनजीटी की मानें तो नमामि गंगे मिशन की कामयाबी तो तब संभव है जबकि गंगा की शुद्धि के लिए किए जाने वाले प्रयास सफल हों. यह नमामि गंगे मिशन से जुड़ी सभी सरकारी एजेंसियों की नाकामियों को उजागर करता है. सच यह है कि इस बाबत आवंटित राशि का अब तक कोई कारगर…

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देवबंद में एक संवाद

हरीश खरे। देवबंद स्थित दारूल उलूम एक ऐसा जाना-माना संस्थान है, जो दुनिया भर में इस्लामिक शिक्षण के लिए जाना जाता है। संवाददाताओं की भाषा में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के इस शहर को एक मुस्लिम बहुल शहर भी कहा जाता है। उत्तर प्रदेश के इस हिस्से में विधानसभा के लिए आज मतदान होने जा रहा है। इस चुनावी दंगल को इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इनके नतीजों का असर मोदी प्रशासन की आगामी राजनीतिक प्राथमिकताओं और वरीयताओं का पुनर्निर्धारण करेगा। यह इलाका सूबे…

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