चीन को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं भारतीय उपभोक्ता

कृष्णमोहन झा। केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने अभी तक के कार्यकाल में सभी पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संंबंध स्थापित करने के प्रयास किए है और इसी सदाश्यता के साथ उन्होंने पड़ोसी देशों का दौरा किया है। इन पड़ोसी देशों में चीन और पाकिस्तान भी शामिल थे जिनकी जुगलबंदी से भारत हमेशा ही परेशानी का अनुभव करता आया है परन्तु प्रधानमंत्री मोदी ने इन दोनों पड़ोसी देशों की यात्राएं भी बिना किसी पूर्वाग्रह के की। मोदी की मंशा साफ थी कि पड़ोसी देशों से सबसे पहले मैत्री संबंध…

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अहिंसा है सुखी समाज का आधार

गणि राजेन्द्र विजय। हम सफल जीवन जी रहे हैं या असफल, सुखी हैं या दु:खी, आगे बढ़ रहे हैं या पीछे जा रहे हैं। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि हम किस दृष्टि से देख रहे हैं या नाप रहे हैं? हम सफलता का मापदण्ड इस बात से तय करते हैं कि जीवन के प्रति क्या दृष्टिकोण अपनाया है। जिस चीज को हम अपना केन्द्र मानते हैं या धुरी बनाते हैं उसी के इर्द-गिर्द घूमते हैं। जिस दृष्टिकोण से जीवन का लक्ष्य बनाया है उसको पाने में…

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पाक से ज्यादा घातक चीनी छद्म युद्ध

पुष्परंजन। क्या सचमुच 19 करोड़ 39 लाख की आबादी वाले पाकिस्तान से, एक अरब, 34 करोड़ की आबादी वाला भारत लड़ रहा है? सिफऱ् भारत की जनता को खुला छोड़ दिया जाए तो उसे हमारे लोग चींटियों की तरह रौंद देंगे। मगर, इस पूरी लड़ाई में असल खलनायक को देखते हुए भी हम अनदेखा कर रहे हैं। चीन ने एक बार फिर ‘जैश-ए-मोहम्मदÓ के सरगना मसूद अज़हर को आतंकी घोषित किये जाने के भारतीय प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में ब्लॉक किया है। इससे यह साबित होता है कि पाकिस्तानी आतंकियों…

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गांधी की अहिंसा अधिक प्रासंगिक है

ललित गर्ग। यह हमारे लिये गौरव की बात है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्मदिन 2 अक्टूबर अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। गांधी की अहिंसा ने भारत को गौरवान्वित किया है, भारत ही नहीं, दुनियाभर में अब उनकी जयन्ती को बड़े पैमाने पर अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। गांधी के अनुयायियों एवं उनमें आस्था रखने वाले उन तमाम लोगों को इससे हार्दिक प्रसन्नता हुई है जो बापू के सिद्वान्तों से गहरे रूप में प्रभावित हंै, अहिंसा के प्रचार-प्रसार में…

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विश्व प्रकृति दिवस: बुंदेलखंड का अपना प्राकृतिक रूप

डा. राधेश्याम द्विवेदी। 3 अक्तूबर की तारीख एक बार फिर आ गई . विश्व प्रकृति दिवस आज है . विश्व प्रकृति दिवस प्रत्येक वर्ष 3 अक्तूबर को मनाया जाता है. पूरी दुनिया में आज के दिन प्रकृति को बचाने , उसे सुन्दर और अपनी गतिविधि को प्रकृति सम्यक बनाने की पुन: कसमे खाई जाएगी . बुंदेलखंड भी तो अपना प्राकृतिक रूप से खुशहाल था. इतिहास पलटे तो यहाँ भी चन्देल कालीन स्थापित किले और मंदिर हरे – भरे जंगलो और सीना ताने पहाड़ो के मध्य ही बने थे . कंक्रीट…

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