आस्था के बहाने रक्तपात

हृदयनारायण दीक्षित। रक्तरंजित धरती. आस्था के बहाने भयावह रक्तपात. तुर्की, काबुल, पठानकोट, पेशावर. सीरिया. अफगानिस्तान. विश्व के बड़े भाग में आस्था को लेकर या आस्था के बहाने रक्तपात है.  एक नए तरह का विश्वयुद्ध है. अंधायुद्ध. आस्था और विश्वास के अपने सत्य हैं. उन्हें दूसरों पर थोपने या मनवाने के लिए बमबारी है. गोलियां हैं. व्यापक नरसंहार हैं. अंधविश्वासी शक्तिशाली है. मानवता प्रेमी असहाय हैं. आधुनिक वैज्ञानिक शोध ने विश्व के अनेक अंधविश्वासों को झुठलाया है. अस्तित्व गति और ऊर्जा का महायोग है. विज्ञान गति और ऊर्जा का अध्ययन है….

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सपनों की मायावी दुनिया का सच

ललित गर्ग। स्वप्न का हमारे जीवन के साथ गहरा तादात्म्य है। स्वप्न क्यों आते हैं, उनका वास्तविक जीवन से क्या संबंध है, क्या स्वप्न सच के प्रतिबिम्ब होते हैं, क्या स्वप्न जीवन को प्रभावित करते हैं- ऐसे अनेक प्रश्न है जो बंद पलकों के पीछे की इस रोमांचक दुनिया से जुड़े है। इस ख्वाबों की दुनिया के रहस्य की पडताल सदियों से होती रही है। लेकिन अनेक अनुसंधानों और खोजों के बावजूद आज भी स्वप्न की यह मायावी दुनिया रहस्य ही बनी हुई है। स्वप्न का जन्म कब, कैसे और…

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भारत में आवश्यक है समान नागरिक कानून

सुरेश हिंदुस्थानी।  प्राय: कहा जाता है कि कठोर कानूनों के माध्यम से ही देश के अंदर एकता का भाव निर्मित होता है। इसमें सबके लिए एक प्रकार का कानून हो तो इस दिशा में सकारात्मक प्रयास किए जा सकते हैं, लेकिन भारत देश में अंग्रेजों के समय से ही कानूनों को इस प्रकार से बनाया गया कि लोग केवल अपने ही बारे में सोचें। इससे जहां देश की कमजोरी सामने आती है, वहीं एकता के सूत्र में भी बिखराव का कारण भी बनता है। भले ही लोग समान नागरिक संहिता…

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ईद है मानव से मानव के मिलन का त्यौहार

ललित गर्ग। भारतवर्ष की ख्याति जहां यहां के साम्प्रदायिक सौहार्द एवं आपसी सद्भावना के कारण है वहीं यहां के पर्व-त्यौहारों की धर्म-समन्वय एवं एकता के कारण भी है। इन त्योहारों में इस देश की सांस्कृतिक विविधता झलकती है। यहां बहुत-सी कौमें एवं जातियां अपने-अपने पर्व-त्योहारों तथा रीति-रिवाजों के साथ आगे बढ़ी हैं। प्रत्येक पर्व-त्यौहार के पीछे परंपरागत लोकमान्यताएं एवं कल्याणकारी संदेश निहित है। इन पर्व-त्यौहारों की श्रृंखला में मुसलमानों के प्रमुख त्यौहार ईद का विशेष महत्व है। हिन्दुओं में जो स्थान ‘दीपावली का है, ईसाइयों में ‘क्रिसमसÓ का है, वही…

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यूरोपियन यूनियन से मोहभंग की वजह

एस. निहाल सिंह। एक कटु अभियान के बाद ब्रिटेन द्वारा यूरोपियन यूनियन से बाहर होने की कवायद न केवल ब्रिटिश सांसद जो-कॉक्स के कत्ल का प्रतीक स्वरूप बनी बल्कि दुनिया भर की शेयर मार्किट में उत्तेजना का सबब बनने के अलावा इस 28 सदस्यीय संघ को अपनी स्थापना से लेकर आज तक पेश आई सबसे गंभीर चुनौती भी पेश कर गई। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पनपा वह आदर्शवाद जो आपस में लड़ रहे देशों को पास लाया था, उनमें अब नाटकीय बदलाव आ गए हैं। यूरोपियन यूनियन से लिए गए…

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