कोर्ट ने 8 जनवरी तक सुरक्षित रखा आसाराम की जमानत अर्जी

ASARAM_

जोधपुर। जोधपुर की एक स्थानीय अदालत ने आसाराम की जमानत अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया जो बलात्कार के एक मामले में पिछले दो वर्ष से जेल में हैं। 74 वर्षीय आसाराम को इससे पहले छह मौकों पर राहत देने से इनकार किया जा चुका है। आसाराम को अगस्त 2013 में कथित तौर पर 16 वर्षीय छात्रा का यौन शोषण करने के आरोप में जेल भेजा गया था।
सोमवार को सत्र अदालत के न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश आठ जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया। अदालत में आसाराम की पैरवी भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने की और उन्होंने जमानत के लिए लगभग उन्हीं आधारों का उल्लेख किया जिनका उल्लेख पिछली बार जमानत की सुनवायी के दौरान किया गया था।
स्वामी ने सुनवायी के बाद संवाददाताओं से कहा, यह जमानत के लिए एक फिट मामला है। मैंने अदालत को बताया कि सुनवायी लगभग पूरी हो गई है और अभियोजन के सभी गवाहों से जिरह हो चुकी है और मामले के सभी सह आरोपियों को पहले ही जमानत दी जा चुकी है। आसाराम को भी जमानत दी जानी चाहिए। उन्होंने पीडित लड़की द्वारा विलंबित प्राथमिकी का भी उल्लेख किया और कहा उसने कथित घटना के दूसरे दिन जोधपुर में प्राथमिकी दर्ज कराने की बजाय चार दिन बाद दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज करायी। यद्यपि अभियोजन ने स्वामी द्वारा उठाये गए बिंदुओं पर आपत्ति जतायी।