नई दिल्ली। राज्यों को ओबीसी आरक्षण की सूची तैयार करने का अधिकार देने वाले बिल पर असुद्दीन ओवैसी ने सरकार का समर्थन किया है, लेकिन तंज भी कसा है। ओवैसी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार इस बिल को जिस तरह से लाई है, वह शाहबानो की याद दिला देता है। अब मैं उम्मीद करता हूं कि बार-बार शाहबानो का जिक्र नहीं किया जाएगा। एआईएमआईएम के नेता ने कहा कि संविधान सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कानून बनाने का अधिकार संसद को देता है। इसलिए यह आपका अधिकार है, लेकिन मैं अब मानता हूं कि शाहबानो का नाम बार-बार नहीं लिया जाएगा। ओवैसी ने कहा कि बड़ी-बड़ी बातें हुई हैं कि यह सरकार ओबीसी के लिए है। लेकिन मैं सरकार को एक्सपोज करता हूं। ओवैसी ने कहा कि रोहिणी कमिशन की रिपोर्ट है कि 10 फीसदी ओबीसी को 50 फीसदी मिल रहा है और दूसरी 20 फीसदी बिरादरियों को कुछ नहीं मिल रहा है। मेरी मांग है कि इस लिस्ट में जातियों को सब-कैटिगराइज भी किया जाए। एक बात और है कि यदि किसी राज्य में किसी बिरादरी को ओबीसी का दर्जा मिलता है तो फिर उसे केंद्र में भी जगह मिलनी चाहिए। इसके अलावा ओवैसी ने 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को भी खत्म करने की मांग की। केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए ओवैसी ने कहा कि आखिर प्यार किया तो डरना क्या। एक तरफ देश में 20 फीसदी लोगों के लिए 50 पर्सेंट सीटें हैं तो वहीं 50 फीसदी लोगों के लिए 47त्न ही सीटें हैं।
ओबीसी आरक्षण बिल पर बोले ओवैसी: शाहबानो की याद दिला दी
