गैंगरीन होने पर अब अंग काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी

gangrene-on-the-footलखनऊ। इंटरनेशनल कॉडियोलाजी विशेषज्ञ डॉक्टर रविन्द्र सिंह राव के अनुसार अब गैंगरीन होने पर अंग काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी, एक नई तकनीक से गैंगरीन होने वाले अंग की एंजियोप्लास्टी की जा सकेगी और अंग कटने से बचाया जा सकता है। उनके अनुसार डायबिटीज और धू्रमपान गैंगरीन के प्रमुख कारण हैं। डा. राव ने बताया कि गैंगरीन में धमनियां सौ फीसदी बंद हो जाती हंै, जिससे शरीर के किसी अंग विशेष में रक्त का प्रवाह नहीं हो पाता। अभी तक इसका केवल एक ही इलाज शरीर से अंग को अलग कर देना था, लेकिन अब एंजियोप्लास्टी के जरिए अंग को बचाया जा सकता है, और ऑपरेशन कर मरीज के अंग में खून का प्रवाह फिर से करके अंग को कटने से बचाया जा सकता है। ऑपरेशन के दौरान मरीज के दूसरे अंग की धमनी से एक नलिका डाली जाती है और इस नलिका को अरोटा में भेजा जाता है। उसके बाद बीमार अंग की बंद धमनी में डाला जाता है और उस अंग में रक्त पहुंचाया जाता है तथा उसे क्रियाशील बनाया जाता है।