 नई दिल्ली। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने असहनशीलता के मुद्दे पर सरकार को निशाने पर लेते हुए कहाकि विरोधी की आवाज को दबाना देश के आर्थिक विकास के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने कहाकि देश में अभिव्यक्ति की आजादी का हनन करने वाली हालिया घटनाएं बहुत दुखद है और इससे देश में चिंता का माहौल है। पूर्व प्रधानमंत्री का बयान देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू की 125वीं जयंती के मौके पर आया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहाकि कुछ हिंसक कट्टरपंथी समुदाय अभिव्यक्ति की आजादी पर लगाम कसने की कोशिश ने हाल ही में दुखद घटनाओं को अंजाम दिया है। किसी भी विचारक पर हुए हमले या हत्या को जायज नहीं ठहराया जा सकता।
नई दिल्ली। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने असहनशीलता के मुद्दे पर सरकार को निशाने पर लेते हुए कहाकि विरोधी की आवाज को दबाना देश के आर्थिक विकास के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने कहाकि देश में अभिव्यक्ति की आजादी का हनन करने वाली हालिया घटनाएं बहुत दुखद है और इससे देश में चिंता का माहौल है। पूर्व प्रधानमंत्री का बयान देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू की 125वीं जयंती के मौके पर आया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहाकि कुछ हिंसक कट्टरपंथी समुदाय अभिव्यक्ति की आजादी पर लगाम कसने की कोशिश ने हाल ही में दुखद घटनाओं को अंजाम दिया है। किसी भी विचारक पर हुए हमले या हत्या को जायज नहीं ठहराया जा सकता।
मनमोहन ने कहाकि प्रतिस्पर्घा और उद्यमिता के लिए किसी भी समाज का उदार होना जरूरी है जहां सभी लोग अपनी योजनाओं पर बिना रोक टोक के काम कर सके। असहमति या बोलने की आजादी को दबाने से देश के आर्थिक विकास पर बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। आजादी के बगैर खुले बाजार का कोई मतलब नहीं है। पूर्व पीएम ने कहाकि कोई भी धर्म किसी भी सार्वजनिक नीति का आधार नहीं बन सकता। धर्म एक निजी मामला है जिसमें राज्य का दखल सही नहीं है।
एजेंसियां

