भाजपा की कथनी-करनी के अन्तर को बतायेगा अतिपिछड़ा समाज: चौ. लौटन राम

lautam ram

लखनऊ। राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव व समाजवादी पार्टी के नेता चौधरी लौटन राम निषाद ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को पिछड़े, अतिपिछड़े व निषाद समाज की ताकत का एहसास हो गया है। भाजपा ने पिछड़ों अत्यन्त पिछड़ों को ध्रुवीकृत करने के लिए समावेशी राजनीति की जगह जातिवादी राजनीति का खुलकर प्रचार किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने को अतिपिछड़ा कहकर अपनी गरिमा के प्रतिकूल काम किये। उन्होंने कहाकि यूपी विधानसभा चुनाव-2017 को ध्यान में रखकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 6 नवम्बर को बैठक कर उत्तर प्रदेश में निषाद क्रांन्ति रथ चलवाने का निर्णय लिये है, परन्तु उप्र का निषाद मछुआरा भाजपा के झांसे में नहीं आने वाला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय निषाद संघ भाजपा के निषाद क्रान्ति रथ के जवाब में एकलव्य सामाजिक न्याय रथ निकाल कर अतिपिछड़ों व निषाद मछुआरा समाज को भाजपा की कथनी-करनी के अन्तर को बतायेगा।
निषाद ने कहा कि 2013 में तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी व सुषमा स्वराज ने मावलंकर ओडिटोरियम दिल्ली में मछुआरों के राष्ट्रीय सम्मेलन में फिशरमैन विजन डाक्यूमेन्ट्स जारी करते हुए मछुआरों के कल्याण के लिए इनके परम्परागत पेशों को विकसित करने के लिए उपाय करने तथा आरक्षण की विसंगति को दूर करने का संकल्प लिया, परन्तु सरकार बनने के 1 वर्ष बाद भी भाजपा सरकार ने आरक्षण की विसंगति दूर करने व मछुआरों के परम्परागत पेशों पर विकास के लिए कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने राष्ट्रीय मछुआरा आयोग, राष्ट्रीय विमुक्त जाति एवं घुमन्तू जनजाति आयोग का गठन करने व अलग से स्वतंत्र मत्स्य मंत्रालय बनाने तथा वीर एकलव्य पुरस्कार घोषित करने की मांग की है।