फल-फूल रहा अवैध मिटटी खनन का कारोबार

mitt khanan

नहटौर। नगर व क्षेत्र में शासन प्रशासन की मिलीभगत से अवैध मिटटी खनन का कारोबार दिन व रात खुलेआम जोरो से चल रहा है मगर प्रशासन का इस और कोई ध्यान नहीं है और वह आंखे मूंदकर कुम्भकर्णी नींद सो रहा है। जबकि थाना प्रांगण में हुई शान्ति समिति की बैठक में भी मिट्टी खनन का मुद्दा छाया रहा था।
उल्लेखनीय है कि मिट्टी खनन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त निर्देश दे रखे हैं लेकिन इन सबके बावजूद अवैध खनन माफियाओं के लिए सोने का अण्डा देने वाली मुर्गी साबित हो रहा है। जिले में शासन व प्रशासन के छोटे व बड़े अधिकारी इस मिट्टी खनन के गौरख धंधे से जानबूझ कर अनजान बने हुए है। कारण है कि सत्ता का दखल। नीचे से लगाकर ऊपर तक खनन माफियाओं की सौदेबाजी तय है। जिसके तहत रात-दिन जेसीबी मशीनों से धरती का सीना चीरा जा रहा है नहटौर क्षेत्र के इकड़ा नदी, बान का पुल व गांगन नदी के पास से मिट्टी का अवैध खनन डम्परों व टिपलरों से दिन रात हो रहा है जो कि नगर में बन रही एक कालोनी में डाला जा रहा है जिस कारण कभी भी अधिक पानी आने के कारण इन नदियों के पास बसे गांव डूबने का भी खतरा पैदा हो गया है। मगर सड़क के किनारे बन रहे इस कालौनी पर किसी भी अधिकारी को कोई ध्यान नहीं है जबकि प्रत्येक अधिकारी धामपुर-नहटौर रोड से गुजरते हैं। कायदे कानूनों की बात करें तो अदालत के आदेश पर शासन ने तहसील स्तर पर खनन की प्रमीशन लेने के लिए सक्षम अधिकारी नियुक्त किये हुए हैं। इसके अतिरिक्त अवैध खनन रोकने के लिए बाकायदा खनन विभाग भी जिले में पूरी तरह मुस्तैद है। लेकिन इतना सबकुछ होने के बाद भी खनन रोके से नहीं रूक रहा है।