डीजीपी का निर्देश: पुलिसकर्मी करें पटाखे के प्रति लोगों को जागरूक

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशिक जग मोहन यादव ने एसएसपी, एसपी सहित अन्य पुलिस अधिाकारियों को निर्देश दिया है कि गये हैं कि दीपावली त्यौहार में बच्चे एवं युवा विस्फोटक एवं पटाखे आदि खरीदते हैं तथा पूरी-पूरी रात चलाते हैं। यह क्रम दीपावली के त्यौहार से पूर्व ही प्रारम्भ हो जा जाता है तथा दीपावली के बाद भैय्या दूज तक चलता रहता है। वातावरण संरक्षण अधिनियम 1986 एवं ध्वनि प्रदूषण (रेगूलेशन एवं कन्ट्रोल) नियमावली 2000 के संबंध में अधिकांश लोगों को जानकारी नहीं है। पटाखों एवं विस्फोटकों के प्रयोग के कारण वायु एवं ध्वनि प्रदूषण होता है जो बच्चों व बुजुर्गो के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
उन्होंने मातहत अधिकारियों से कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि ध्वनि कारित करने वाले, रंग व प्रकाश करने वाले पटाखों आदि के संबंध में वर्गीकरण करें तथा निर्माताओं को यह आवश्यक निर्देश दें कि वे पटाखों के प्रत्येक डिब्बे पर रसायनिक तत्वों के मानक अवश्य प्रिन्ट करायें। स्कूल में बच्चों को एवं जनसामान्य को पटाखों व विस्फोटकों से उत्पन्न वायु व ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाये। स्कूल, न्यायालय, अस्पताल आदि संवेदनशील क्षेत्रों में पटाखों का प्रयोग नियंत्रित किया जाये जिससे वृद्धों, रोगियों, बच्चों आदि को प्रदूषण से बचाया जा सके। पटाखा छोडऩे के स्थान से 4 मीटर दूरी तक 125 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि उत्पन्न करने वालो पटाखों को रोका जाये, जिससे ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन समुचित रूप से नहीं हो पा रहा है, जिससे त्यौहारों पर पटाखे और विस्फोटकों के प्रयोग से वातावरण के साथ साथ ध्वनि प्रदूषण भी होता है।