पुरूष प्रजनन झमता में सुधार कर सकता है, एफएसएच उपचार : प्रो सिमोनी

नई दिल्ली। मैसूर विश्वविद्यालय में आयोजित भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 103वें सत्र में पुरूष प्रजनन में हाल में हुई प्रगति पर एक सत्र को संबोधित करते हुए इटली में मोर्डेरना और रिग्यो इमिलिया विश्वविद्यालय में प्रो. मैनुला सिमोनी ने कहा कि विश्व में संतान उत्पन्न न करने से जुड़े दो तिहाई कारणों के पीछे पुरूष प्रजनन समस्या है। फलिकल स्टिम्पलेटिंग हार्मोन (एफएसएच) हाइपोगोनागोट्रोपिक हाइपोगोनाडिज्म और पुरूष अज्ञात कारण वश संतान उत्पन्न करने की स्थिति में प्रजनन के प्रति प्रेरित कर सकता है।
प्रो. मेनुला ने इस संबंध में अपने अध्ययन का संदर्भ देते हुए कहा कि चुनिंदा मामलों में एफएसएच उपचार पुरूष प्रजनन में सुधार कर सकता है। डीएनए फैगमेंटेशन के कारण पुरूषों में उपचार न होने वाले प्रजनन को एफएसएच उपचार के द्वारा ठीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पुरूष उपचार न होने वाले प्रजनन के लिए एफएसएच की फार्मोंजेनेटिक संभावना की समीक्षा की है और अध्ययनों के अनुसार एफएसएच उपचार पुरूषों में प्रजनन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस अवसर पर फ्लोरिडा अंतराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के डॉ. सीवी राव ने कहा कि पुरूषों और महिलाओं में प्रजनन क्षमता की आवश्यकता के लिए महत्वपूर्ण पीयुष ग्रंथि से निकलने वाल लूटिनीजीन हार्मोन के संबंध में जानकारी दी। डॉ. राव ने कहा कि एलएच प्रोत्साहन उपचार संतान उत्पन्न करने के उपचार का प्रभावी तरीका है। इसके साथ एलएच पुरूष और महिलाओं में पुर्नजन्म ग्रंथि की कार्य प्रणाली को सीधे नियमित कर सकता है।