
मौलाना ने कहा कि वहाबी चरमपंथी विचारधारा के लोग शियों से मिलने जुलने पर भी रोक लगाते हैं मगर शिया किसी पर कोई रोक नहीं लगाते बल्कि उनका कहना है कि पूरी दुनिया में जहां जी चाहे जाओ और जिस्से चाहे मिलो क्योंकि जिन्हें अपनी सत्यता पर विश्वास नहीं होता वही रोक लगाते हैं। मौलाना ने कहा कि हर गुनाह की सजा भविष्य में दी जाएगी लेकिन अत्याचार ऐसा महान पाप है जिसकी सजा दुनिया और आखरत दोनों में मिलती है।
आरोप लगाते हुए मौलाना ने कहा कि इमामे काबा ने यहां जितना पैसा बांटा वे आतंकवाद को बढ़ावा देने में खर्च हुआ है। सऊदी सरकार आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है और उसके इशारे पर यहां मुस्लिम मौलवी काम कर रहे हैं उन पर सरकार नजर रखे। मौलाना ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार यमन में सऊदी अरब की बमबारी से इतना जानी व माली नुकसान हुआ है जितना प्रथम युद्ध में भी नहीं हुआ। एक हजार से अधिक स्कूल ध्वस्त हो गए, सैकड़ों अस्पतालों को गिरा दिया गया। उनके पास इतने विशेषज्ञ पायलट नहीं हैं यह सब इस्राएल के भेजे हुए पायलट हैं जो बमबारी कर रहे हैं।
आलिम अहले सुन्नत मौलाना खुर्शीद अनवर बरकाती ने कहा कि मुसलमानों में भ्रम पैदा किया जाता है कि शिया व सुन्नी मतभेद है लेकिन दरअसल शिया व सुन्नी में कोई मतभेद नहीं है यह मतभेद मुसलमानों और वहाबियों मै है। सुन्नी कभी अत्याचार और आतंकवाद का साथ नहीं दे सकता है। इस्लाम शांति और अम्न का धर्म है। एक जमाअत है जो अन्याय पसंद करती है यही जमाअत पूरी दुनिया में आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है। मौलाना ने कहा कि सऊदी सरकार इस्लाम की दुश्मन है उसका सफाया निश्चित है। उनके सिद्धांतों और चिंताओं पर पाबंदी लगनी चाहिए क्योंकि यह विचारधारा जवानों में चरमपंथ पैदा करती हैं। मौलाना ने कहा कि शहीद बाकिर अल निम्र को क्रूरता के साथ शहीद किया गया है और उनका खून जरूर रंग लायेगा।
मौलाना रजा हुसैन ने कहा कि सऊदी सरकार ने पैगम्बरों, सहाबियों और मोहम्मद साहब की बेटी की कब्र के निशान तक मिटा दिये है। यह कैसे मुसलमान हैं जो पैगम्बरों की कब्र पर भी दया नहीं करते। मौलाना मौलाना तसनीम मेहदी ने कहा कि शहीद बाकिर अल निम्र की शहादत ने यह साबित कर दिया कि सऊदी सरकार, इस्लामी कामों का उपहास करती है और वहां इस्लामी व्यवस्था नहीं बल्कि उत्पीडऩ और क्रोध के आधार पर बादशाहत कायम है। मौलाना हबीब हैदर आब्दी ने कहा कि शेख बाकिर अल निम्र की शहादत इन्साफ और इस्लामी सिद्धांतों की हत्या है। क्या अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करना इस्लाम में अपराध है, शहीद बाकिर अल निम्र की हत्या मानवता की हत्या है और सऊदी सरकार मानवता का हत्यारा है।
——