राज्य सूचना आयोग आरटीआई आवेदकों की सुरक्षा हेतु गम्भीर

rtiलखनऊ फरवरी।उप्र  राज्य सूचना आयोग आरटीआई आवेदकों ,कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के  हेतु गम्भीर है। उ0प्र0 के राज्य मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने मुख्य सचिव उप्र शासन को पत्र भेजकर आवेदकों  की सुरक्षा हेतु सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने का अनुरोध किया है।
मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी द्वारा  भेजे गये पत्र में कहा गया है कि शासन एवं प्रशासन की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता एवं जवाबदेही बढ़ाने तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 लागू किया गया है। उक्त अधिनियम के कार्यान्वयन से निश्चित रूप से शासन एवं प्रशासन की कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है। पिछले 10 वर्षों का यह अनुभव रहा है कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत प्राप्त की गयी सूचना के आधार पर भ्रष्टाचार के अनेकों प्रकरणों में प्रभावी कार्यवाही की जा सकी है। श्री उस्मानी ने कहा कि इस अधिनियम के कार्यान्वयन का दूसरा पहलू यह भी है कि अधिनियम के प्राविधानों के तहत सूचना मांगने वाले आवेदकों को कभी-कभी भ्रष्ट तत्वों द्वारा धमकाया गया है, ताकि वह सूचना मांगना बन्द कर दें। कुछ मामलों में इन भ्रष्ट तत्वों द्वारा आवेदकों पर हिंसात्मक हमले भी किये गये हैं। गत वर्षों में ऐसे प्रकरण भी सामने आये हैं कि सूचना मांगने वाले आवेदकों की हत्या तक हुई है।
मुख्य सूचना आयुक्त श्री उस्मानी ने कहा है कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 का सफल एवं प्रभावी कार्यान्वयन तभी सम्भव हो सकेगा जब इस अधिनियम के तहत सूचना मांगने वाले आवेदकों को भ्रष्ट तत्वों द्वारा धमकाया न जा सके और उनके प्रति हिंसात्मक हमले न किये जा सकें। इस अधिनियम का प्रयोग करने वाले आवेदकों को सुरक्षा प्रदान करना तथा आवेदकों को धमकाने अथवा उनके विरुद्ध हिंसा करने वाले तत्वों के विरुद्ध तत्काल कानूनी कार्यवाही किया जाना अत्यन्त आवश्यक है।
उस्मानी ने कहा कि इस संदर्भ में पृथ्वीराज चैहान, तत्कालीन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों के मुख्य मंत्रियों को पत्र दिनांक 25 अगस्त, 2010 भेजा गया था। इसी क्रम में भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी पत्र दिनांक 14 जून, 2013 के माध्यम से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को विस्तृत दिशा निर्देश भी जारी किये गये थे।
श्री उस्मानी ने कहा कि समय-समय पर आयोग के समक्ष यह मांग प्रस्तुत की जाती रही है कि शासन द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 का प्रयोग करने वाले आवेदकों की सुरक्षा का समुचित प्रबन्ध किया जाना चाहिए। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव के स्तर से प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये जाने का औचित्य है।
 उस्मानी ने मुख्य सचिव से अनुरोध किया है कि वह पृथ्वीराज चैहान, तत्कालीन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र दिनांक 25 अगस्त, 2010 तथा गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 14 जून, 2013 को जारी किये गये दिशा-निर्देशेां के अनुसार प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों /पुलिस अधीक्षकों को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन पत्र प्रस्तुत करने वाले आवेदकों की सुरक्षा हेतु समुचित व्यवस्था करने के निर्देश जारी करें।
राज्य मुख्य सूचना आयुक्त  उस्मानी ने इस सम्बंध में मुख्य सचिव द्वारा जारी किये गये आदेश की सूचना राज्य सूचना आयोग को भी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।