![Rajendra-Chaudhry](https://www.jansandesh.com/wp-content/uploads/2015/11/Rajendra-Chaudhry.jpg)
यह अजीब बात है कि रेलमंत्री ने देश के सबसे बड़े प्रदेश की पूरी उपेक्षा कर दी है और उत्तर प्रदेश से 71 लोकसभा सदस्य तथा दर्जन भर भाजपा मंत्रियों के रहते विरोध का एक स्वर नही सुनाई दिया। इस रेल बजट में यह भी स्पष्ट नही है कि पूर्व में जो घोषणांए की गई थी, उनका अब क्या हश्र होगा।
रेलमंत्री जी ने अपने बजट में कई बड़ी-बड़ी बाते की है जैसे रेलों के समय पर संचालन की बात हो या स्टेशनों पर जनसुविधाओं की उपलब्धता की इन सबके लिए सन् 2020 तक इंतजार करना होगा। विश्व स्तर के स्टेशनों को सुविधायुक्त बनाने की हर वर्षघोषणाएं तो होती है लेकिन परिणाम वही ढांक के तीन पात नजर आते हैं। जिस तरह स्मार्ट सिटी के नाम पर केन्द्र का सौतेला व्यवहार रहा है उसी तरह रेल बजट में भी उत्तर प्रदेश की उपेक्षा की गई है।