स्मृति ईरानी का दायित्वहीन रवैया : नाजिया इलाही

nazia ilahiकोलकाता। हैदराबाद में दलित छात्र रोहित वीमोला की हत्या के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के गैर जिम्मेदाराना रवैये पर हर तरफ से आलोचना हुई जिस के बाद केंद्रीय सरकार ने घोषणा किया था कि इस हत्या की न्यायिक जांच की जाएगी और इस जांच आयोग में दलित वर्ग से भी एक सदस्य मनोनीत किया जाएगा परन्तु 21 जनवरी को हुए इस घोषणा के बादा अब तक आयोग में एक दलित सदस्य को शामिल नहीं किया गया है। इस संबंध में फोरम फॉर आरटीआई एक्ट की प्रमुख एवं प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता नाजयि़ा इलाही खान ने राष्ट्रपति भवन का दरवाजा खटखटाया है और राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से अनुरोध किया है कि पीडि़त परिवार की सहयता एवं जांच की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए वह इस मामले में हस्तक्षेप करें।
नाजयि़ा इलाही खान ने राष्ट्रपति को आज 23 फरवरी को एक पत्र भेजा है जिस में कहा गया है कि स्मृति ईरानी ने 21 जनवरी को रोहित वीमोला मामले में जो बयान दिया और कहा कि यह दलित और गैर दलित समस्या नहीं है उसी से यह स्पष्ट हो गया था कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय एक अयोग्य के हाथों में सौंपी गई है और स्मृति ईरानी अनाप शनाप बोलकर अपनी असमर्थता को जनता के सामने गर्व से उजागर भी कर रही हैं, वादा और आश्वासन के बावजूद जांच आयोग में एक दलित सदस्य को सम्मिलित नहीं किया जाना संविधान की पवित्रता के साथ साथ जनता की भावनाओं से भी खिलवाड़ है- नाजयि़ा इलाही खान ने कहा लिखा है कि उनके विचार में उनका यह बयान लोकतंत्र के विरुद्ध है और स्मिर्ति ईरानी इस मंत्रालय की पात्र नहीं हैं और पद की गरिमा को मिट्टी में मिला रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनता और देश के व्यापक हित में अपने मंत्रिमंडल से ऐसे अयोग्य और गैर जिम्मेदार मंत्री की जगह किसी अधिक जिम्मेदार और योग्य व्यक्ति को नियुक्त करना चाहिए ।
अधिवक्ता नाजयि़ा इलाही खान ने राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से अनुरोध करते हुए यह आशा व्यक्त की है कि वह हस्तक्षेप करेंगे और सरकार को इस मामले में सुधारात्मक कदम उठाने का आदेश देंगे। इस याचिका की प्रतिलिप्यां उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी एवं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी गई है।