गुवाहाटी मार्च। असम के चुनाव में प्रधानमंत्री ने मोदी फैक्टर पैदा करने की कोशिश करते हुए शनिवार को कहा कि जब मैं चाय बेचता था, वो असम की चाय ही होती थी। जो चाय मैं पिलाता था उसे पीकर लोग ताजगी महसूस करते थे। असम के लोगों का मुझपर ऋण है। उन्होने असमिया भाषा में भाषण शुरू किया। मुख्यमंत्री तरुण गोगोई पर निशाना साधते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, मेरी लड़ाई है गरीबी है, मुझे लडऩा है भ्रष्टाचार के खिलाफ। मुझे किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं असम की बर्बादी के खिलाफ लडऩा है। मैं तो बुजुर्गों को प्रणाम करता हूं।
प्रधानमंत्री ने राज्य के दूसरे सबसे बड़े शहर तिनसुखिया की रैली में कहा कि जिस राज्य में इतना पानी हो वहां पानी की दिक्कत क्यों है। आज भी लोगों को पीने का पानी क्यों नहीं मिलता। आजादी के 60 साल बाद भी 2000 गांवों तक बिजली नहीं पहुंची है। शहर का नाम तिनसुकिया है लेकिन यहां सब दुखिया हैं। ये चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। मेरी सरकार में एक उत्तम मंत्री हैं सर्बानंद। उन्होंने कहा, असम को युवा मुख्यमंत्री मिलने वाला है। मोदी ने कहा, मेरा असम के लिए 3 एजेंडा है: विकास, तेज गति से विकास, चारों तरफ विकास।
वो दिन दूर नहीं जब बच्चों को पढ़ाया जाएगा । ए फॉर असम। ये ताकत असम रखता है कि ये आवाज हिंदुस्तान के हर घर में गूंजेगा। उन्होंने एक नारा दियाए असम में एक ही आनंद, सर्बानंद। उन्होंने कहा यहां कि चाय पूरी दुनिया को हिंदुस्तान की याद दिलाता है। मैंने भी बचपन चाय पिलाते हुए गुजारा है। मेरा असम से विशेष नाता है। इसीलिए मैं चाहता कि असम का कर्ज चुका सकूं।
मोदी ने कहा, देश जब आजाद हुआ तो 5 समृद्ध राज्य थे, उनमें एक राज्य था असम। आजादी के इतने सालों बाद आज सबसे गरीब राज्यों में नाम है असम का। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, इस राज्य को गरीब बनाने का पाप किसने किया, असम को बर्बाद किसने किया। असम के युवाओं को बेरोजगार किसने बनाया। हम तो कभी सरकार में नहीं रहे।
मोदी ने कहा कि अच्छी चीजों की उम्मीद में आपने असम को 60 साल का कार्यकाल दिया। मैं आप से कुछ नहीं कह रहा हूं बस सिर्फ आप से 5 साल मांग रहा हूं। इसका फायदा असम को मिलेगा। उन्होंने कहा कि यहां पर सिर्फ एक ही लहर हैं। एक ही आनंद असम में है और वो है सर्वानंद। असम में परिस्थितियों में सुधार हो सकता है। अगर तीन चीजों में बदलाव हो जाए तो पहला गरीबों को एजुकेशन मिले, युवाओं को आय मिले और बुजुर्गों को दवाईयां।
मोदी ने कहा कि मेरी लड़ाई गरीबी और भ्रष्टाचार के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि आजादी के समय असम बहुत ही संपन्न राज्य हुआ करता था। पर आज गरीब राज्यों में से एक है। असम की चाय की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यही तो वो चाय है जिसने दुनिया भर में हिंदुस्तान के प्रति चाह पैद कर दी है। हमारे चाय बागानों में काम करने वाले लोगों ने चाय की चुस्की लेते-लेते हिंदुस्तान के लोगों में ऊर्जा भरने का काम किया है।
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