आखिरी बार दौड़ी,मीटर गेज की नैनीताल एक्सप्रेस

nainital expलखनऊ  मई। लखनऊ से काठगोदाम के बीच चलने वाली 130 साल पुरानी मीटर गेज की नैनीताल एक्सप्रेस टे्रन को रेल विभाग ने अलविदा कह दिया है। लखनऊ के ऐशबाग-सीतापुर रेलखंड पर रविवार को नैनीताल एक्सप्रेस आखिरी बार दौड़ी। एसी अटेंडेंट के रूप में अपनी 32 साल की सेवाओं में से पूरे 27 साल राम जी राम ने नैनीताल एक्सप्रेस के यात्रियों की सेवाएं करते गुजार दिया। नैनीताल एक्सप्रेस एकमात्र ट्रेन थी, जिसमें फस्र्ट क्लास और एसी सेकेंड की बोगी लगती थी। एसी सेकेंड की बोगी 1989 में लगायी गई। लखनऊ से काठगोदाम को जोडऩे वाली यहीं एक मुख्य ट्रेन ही थी।
मीटर गेज ट्रेन की शुरूआत 1886 में हुई थी। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव कहते हैं कि इस रूट की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली ट्रेन है नैनीताल एक्सप्रेस। आमान परिवर्तन के चलते निरस्त किया जा रहा है। हालांकि रूट के ब्रॉडगेज होने के बाद इस नाम से ट्रेन यात्रियों की मांग पर चलाई जा सकती है। पिछले 12 साल से ट्रेन के पायलट सैयद इकराम अली ने बताया कि मीटरगेज रूट पर ट्रेन दौड़ाने की एक बड़ी चुनौती हर स्टेशन पर पोल पर लगी रिंग को उठाना होता था। करीब 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से दौड़ रही ट्रेन में इंजन पर एकदम आगे एक टोकन को फेंककर दूसरा टोकन उठाते समय कई बार ड्राइवर जख्मी हो जाते थे। घने कोहरे और रात के समय टोकन उठाना बहुत ही कठिन होता है। नैनीताल एक्सप्रेस के हजारों यात्रियों को सुरक्षित उनकी मंजिल तक पहुंचाने में अहम जिम्मेदारी निभाने वाले गार्ड विजयकांत मिश्र कहते हैं कि इस रूट पर लोग बहुत अच्छे होते थे। कभी किसी यात्री से महिला बोगी में जबरन चढऩे और कोई अभद्रता जैसी कोई शिकायत नहीं मिलती थी। गार्ड विजयकांत मिश्र इस बात का गर्व महसूस करते हैं कि वह मीटरगेज की सबसे वीआइपी ट्रेन को सुरक्षित चलाने में कामयाब रहे। 
 
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