फीचर डेस्क। श्रावण कृष्ण अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस बार हरियाली अमावस्या की तिथि है दो अगस्त को 03.14 से 3 अगस्त 02.14 तक । यह त्योहर सावन में प्रकृति पर आई बहार की खुशियों का जश्न है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रकृति के करीब लाना है। कुछ स्थानों पर इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा कर उसके फेरे लगाने तथा मालपुए का भोग लगाने की परंपरा है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन हर व्यक्ति को एक पौधा अवश्य रोपना चाहिए।
पंडित संजय पांडे के अनुसार इस बार हरियाली अमावस्या की तिथि है दो अगस्त को 03.14 से 3 अगस्त 02.14 तक । शास्त्र अनुसार पीपल के वृक्ष में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु व शिव का वास होता है। इसी प्रकार आंवले के पेड़ में लक्ष्मीनारायण के विराजमान की परिकल्पना की गई है। इसके पीछे वृक्षों को संरक्षित रखने की भावना निहित है। पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए ही हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करने की प्रथा बनी। गुड़ व गेहूं की धानि का प्रसाद दिया जाता है। स्त्री व पुरुष इस दिन गेहूं, ज्वार, चना व मक्का की सांकेतिक बुआई करते हैं जिससे कृषि उत्पादन की स्थिति क्या होगी का अनुमान लगाया जाता है।
मध्यप्रदेश में मालवा व निमाड़, राजस्थान के दक्षिण पश्चिम, गुजरात के पूर्वोत्तर क्षेत्रों, उत्तरप्रदेश के दक्षिण पश्चिमी इलाकों के साथ ही हरियाणा व पंजाब में हरियाली अमावस्या को इसी तरह पर्व के रूप में मनाया जाता है। सावन मास में महादेव के पूजन का विशेष महत्व है। इसके साथ ही हरियाली अमावस्या का संयोग गुरु-पुष्य नक्षत्र के साथ आ रहा है। इस मुहूर्त में इच्छित फल के लिए भक्त शिव का अनेक तरह से अभिषेक करते हैं।
वेब दुनियां के अनुसार पुष्य नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनिदेव हैं, इसलिए हरियाली अमावस्या के दिन शिवजी पर जल चढ़ाने से कालसर्प दोष, शनि की साढ़ेसाती, शनि का ढैया एवं पितृ दोष से राहत मिलती है।
हरियाली अमावस्या पर जानिए कैसा रहेगा राशियों पर प्रभाव। हर राशि पर आने वाली परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए निम्नानुसार उपाय आजमाएं। निश्चित ही आप अपने सारे कष्टों, परेशानियों से मुक्ति पा सकेंगे।
मेष- परिवार में विवाद रहेगा। उपाय – शिवजी को गुड चढ़ाएं।
वृषभ- पराक्रम और पुरुषार्थ में वृद्घि होगी। उपाय – शिव का अभिषेक दही से करें।
मिथुन- धन में वृद्घि होगी। उपाय – शिव का अभिषेक गन्ने के रस से करें।
कर्क- आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा। उपाय – शिव का अभिषेक कच्चे दूध और पानी से करें।
सिंह- इस दौरान भूमि विवाद हो सकता है। उपाय – खीर का भोग शिव को लगाएं।
कन्या- कार्यस्थल पर मनोनुकूल सफलता मिलेगी। उपाय – शंकरजी को बिल्व पत्र चढ़ाएं।
तुला- कार्यों में बाधा आएंगी। शत्रु अड़चनें डालेंगे। उपाय – शिव का अभिषेक कच्चे दूध से करें।
धनु- शत्रु पक्ष हावी रहेगा। रोगों में वृद्घि होगी। उपाय – शिव का अभिषेक पंचामृत से करें।
वृश्चिक- आध्यात्मिक क्षेत्र में उन्नति होगी। उपाय – गुलाब के फूल शिव को चढ़ाएं।
मकर- विवाह प्रसंग की बात बनेगी। कार्य सिद्घि होगी। उपाय – नारियल का जल शिव को चढ़ाएं।
कुंभ- आर्थिक उन्नति एवं शत्रु की पराजय होगी। उपाय – सरसों के तेल से शिवजी का अभिषेक करें।
मीन- स्थान परिवर्तन का योग है। उपाय – शिव का अभिषेक केसरयुक्त दूध से करें।