श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम ने घाटी में कश्मीरी पंडितों को सीधे धमकी देते हुए कहा है कि या तो घाटी छोड़ दे या मरने के लिए तैयार रहे। राज्य के पुलवामा में कई जगह आतंकी संगठन की तरफ से लगाए गए पोस्टरों में सरकार को खुली चुनौती देते हुए कश्मीर पंडितों को आरएसएस का एजेंट भी बताया गया है। इन पोस्टर्स पर सरकार तथा सेना ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है।
घाटी के पुलवामा में लगाए गए पोस्टरों को उर्दू तथा अंग्रेजी में तैयार किया गया है। इस पोस्टर्स में कश्मीरी पंडितों को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस का एजेंट बताते हुए धमकी दी गई है। पोस्टर में कश्मीर की आजादी के लिए जंग जारी रखने को कहा गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, करीब एक साल तक शांत रहने के बाद लश्कर-ए-इस्लाम ने ये हरकत की है।
मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार ये पोस्टर उन्हीं हिस्सों में लगाए गए हैं जहां हिजबुल कमांडर के मारे गए कमांडर बुरहान वानी के समर्थकों ने आठ और नौ जुलाई को कश्मीर पंडितों के खिलाफ हमला किया था। इस दौरान कॉलोनी के कुछ घरों में आग लगा दी गई जबकि कई घरों को लूट लिया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार उस हमले के बाद कुछ कश्मीर पंडित जम्मू शिफ्ट हो गए थे
लश्कर-ए-इस्लाम की स्थापना पाकिस्तान में वर्ष 20045 में हुई थी। बाद में इसमें तालिबान के भी कुछ लोग जुड़ गए। कुछ अर्से बाद यह संगठन कश्मीर में एक्टिव हो गया। वर्तमान में इसका सरगना कय्यूम नजर है। गौरतलब है कि लश्कर-ए-इस्लाम ने पिछले साल पूरे कश्मीर में मोबाइल नेटवर्क को काफी नुकसान पहुंचाया था।