नई दिल्ली। वेतन और सांसद निधि में वृद्धि को लेकर सांसदों की बेचैनी बहुत बढ़ गई है। कई भाजपा सांसदों ने बुधवार को प्रधानमंत्री का दरवाजा भी खटखटाया। बहरहाल माना जा रहा है कि उन्हें किसी भी मुद्दे पर कोई आश्वासन नहीं मिला बल्कि उन्हें यह सलाह देकर वापस कर दिया गया कि वेतनवृद्धि की मांग से पहले खर्च घटाने पर काम करना चाहिए।
बताते हैं कि कुछ सांसदों ने संसद परिसर में ही प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर पीएम से मुलाकात की। एक सांसद ने कहा कि लगभग ढाई सौ सांसदों के हस्ताक्षर के साथ एक ज्ञापन सौंपा गया है जिसमें सांसद निधि बढ़ाने की मांग है। उनका कहना था कि जो निधि अभी मिली हुई है, उससे पूरे संसदीय क्षेत्र की देखभाल नहीं हो पाती है। एक अन्य सूत्र के अनुसार, अनौपचारिक रूप से कुछ सांसदों ने वेतनवृद्धि की भी बात की। लेकिन प्रधानमंत्री ने खर्च कम करने की सलाह देकर सबको चुप करा दिया।
गौरतलब है कि वेतनवृद्धि की मांग सदन के अंदर भी कुछ सांसद कर चुके हैं जबकि सरकार की ओर से उन्हें संकेत दे दिया गया है कि सांसदों के वेतन पर फैसले का अधिकार एक स्वतंत्र इकाई को दिया जाना चाहिए ताकि जनता में गलत संदेश न जाए।