नई दिल्ली। कश्मीर में अशांति को पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद का परिणाम बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद से पूरी सख्ती से निपटा जाएगा। कानून के शासन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को विरोधी ताकतों को भारत की कमजोरी नहीं समझना चाहिए। मोदी ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा है। कश्मीर मसला बिना पीओके के लोगों को शामिल किए हल नहीं किया जा सकता। पीएम ने यह भी कहा कि पीओके के वो लोग जो दूसरी जगह रह रहे हैं, उन्हें भी वार्ता में शामिल किया जाना जरूरी है।
मोदी ने कश्मीर घाटी की वर्तमान स्थिति पर विचार के लिए यहां हुई सर्वदलीय बैठक में अपने समापन भाषण में कहा कि सरकार कश्मीर के मुद्दे का संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के अनुरूप स्थाई और शांतिपूर्वक हल के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दिखाए गए मार्ग का अनुसरण किया जा रहा है।
भारत विरोधी गतिविधि बर्दाश्त नहींउन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार वहां के हर किसी व्यक्ति की सभी जायज शिकायतों को सुनेगी और उन्हें दूर किया जाएगा, लेकिन हिंसा, आतंकवाद और भारत-विरोधी गतिविधियों से सख्ती से निपटा जाएगा।
बलूचिस्तान और पीओके में हिंसाउन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए अब समय आ गया है कि वह विश्व के सामने बलूचिस्तान में और अपने कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में लोगों पर हो रहे अत्याचारों का जवाब दे।
पीओके भी हमाराप्रधानमंत्री मोदी ने कहा- आज जब हम जम्मू-कश्मीर की बात करते हैं तो हमें जम्मू-कश्मीर राज्य के चार भागों की बात करनी चाहिए- जम्मू, कश्मीर-घाटी, लद्दाख और पाक-अधिकृत कश्मीर। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर हमारी सर्वपंथ समभाव की सदियों पुरानी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह न केवल हमारी क्षेत्रीय अखंडता का मुद्दा है, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीयता की परिभाषा भी है।
युवकों को देंगे रोजगारउन्होंने कहा कि कश्मीरी युवाओं को रोजगार मुहैया कराने का फैसला लिया है, जिसके तहत 10 हजार विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ), 1200 अद्र्धसैनिक बलों तथा पांच इंडियन रिजर्व बटालियन में 4000 पदों पर भर्तियां की जाएंगी। इसके साथ ही उड़ान एवं हिमायत योजना के तहत लगभग एक लाख 25 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि बेरोजगारों को उचित रोजगार मिल सके।