यूपी में मंहगा होगा ऑनलाइन शापिंग

online shopलखनऊ। यूपी में ऑनलाइन शापिंग जल्द महंगी हो जाएगी। ई-कामर्स के माध्यम से राज्य में आने वाली वस्तुओं पर पांच फीसद प्रवेश कर लगाने के लिए बुधवार को विधानसभा में उत्तर प्रदेश स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर कर (संशोधन) विधेयक-2016 पारित किया गया। विधेयक,विधान परिषद से पारित होने के बाद राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही लागू हो जाएगा।
दरअसल, मौजूदा व्यवस्था में ई-कामर्स के जरिए दूसरे राज्य से मंगाए जाने वाले माल पर किसी तरह का टैक्स वसूलने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है। ऐसे में मोबाइल से लेकर इलेक्ट्रानिक उपकरण, कपड़े आदि अपेक्षाकृत काफी सस्ते होने से ई-कामर्स का दिन-प्रतिदिन चलन बढ़ता जा रहा है। वाणिज्य कर अफसरों के मुताबिक राज्य में तकरीबन 12 हजार करोड़ रुपये की ऑनलाइन शापिंग हो रही है जिसमें वर्ष 2020 तक चार गुने का इजाफा हो सकता है। ऐसे में राज्य सरकार ने ई-कामर्स से मंगाए जाने वाले माल पर टैक्स वसूलने के मद्देनजर उत्तराखंड राज्य की भांति यहां भी उत्तर प्रदेश स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर कर अधिनियम-2007 में संशोधन करने का फैसला किया है।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में संबंधित संशोधन विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद उसे मंगलवार को विधानमंडल में पेश किया गया था। बुधवार को विधानसभा ने एक झटके में संशोधन विधेयक को पारित कर दिया। संशोधन विधेयक के माध्यम से मूल अधिनियम की धारा 2 की उपधारा 1 के खंड ख में संशोधन कर उपखंड दस जोडऩे के साथ ही नई धारा 4-क बढ़ाकर ई-कामर्स कंपनियां, राज्य के बाहर से मंगाए जाने वाले माल के परिवहनकर्ता, कोरियर, लाजिस्टिक कंपनियां आदि को अधिनियम के दायरे में लाकर उनसे माल पर प्रवेश कर वसूलने की व्यवस्था की जा रही है। बुधवार को विधान परिषद में संशोधन विधेयक पेश कर दिया गया। उम्मीद की जा रही है कि 29 अगस्त को परिषद से संशोधन विधेयक पारित हो जाएगा। इसके बाद संशोधन विधेयक को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद सरकार ऑनलाइन शापिंग से मंगाए जाने वाले माल पर पांच फीसद प्रवेश कर वसूलने लगेगी। विभागीय सूत्रों के मुताबिक सितंबर से ऑनलाइन शापिंग महंगी हो सकती है। पांच फीसद प्रवेश कर से सरकार को सालाना 600 करोड़ रुपये राजस्व मिलने का अनुमान है। विदित हो कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के अलावा असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में पहले से ही ऑनलाइन शापिंग पर टैक्स वसूलने की व्यवस्था लागू है।