चोरी-चोरी, चुपके-चुपके: माध्यमिक शिक्षा अभियान का पोर्टल बंद

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लखनऊ। सीएम अखिलेश यादव यूपी को डिजिटल प्रदेश बनाना चाहते हैं ताकि अन्य प्रदेशों से कुछ इतर दिख सकें मगर उनकी इस मुहिम को खुद उनके ही विभागीय अफसर फेल कर रहे हैं। हालिया उदाहरण है राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत चलने वाला ऑनलाइन पोर्टल अब बंद कर दिया गया है। पिछले साल जून में इस नाम से पोर्टल की शुरुआत हुई थी जिसमें प्रदेश के सभी स्कूलों समेत शिक्षकों का भी ब्यौरा था। साथ ही किसकी नियुक्ति कब और किस पद पर हुई इसकी जानकारी भी पोर्टल पर मौजूद थी। इस पोर्टल को शुरू करने के पीछे विभाग का मकसद था कि किसी को जानकारी के लिए भटकना न पड़े। लेकिन कुछ महीने संचालन के बाद अब इस पोर्टल को बंद कर दिया गया है।
इस पोर्टल को शुरू करने का शासनादेश 19 मई 2014 का तत्कालीन प्रमुख सचिव मनोज कुमार ने जारी किया था। इसमें सभी विद्यालयों से अपने शिक्षकों व खाली पद 15 दिन में अपलोड करने के लिए कहा गया था। लेकिन पोर्टल शुरू करने के छह महीने बाद ही उनका तबादला हो गया। इसके बाद जीतेंद्र कुमार को माध्यमिक का प्रमुख सचिव बनाया गया। अधिकारियों के तबादले के साथ ही पोर्टल की पॉलिसी भी बदल दी गई। नए प्रमुख सचिव ने आने के बाद ये पोर्टल बंद कर दिया गया।
माध्यमिक शिक्षक संघ चंदेल गुट के शिक्षक नेता डॉ सुशील त्रिपाठी का कहना है कि इस पोर्टल के बंद होने के साथ ही विभाग की पारदर्शिता भी बंद हो गई है। वहीं शर्मा गुट के आरपी मिश्रा ने कहा कि इसे जानबूझकर बंद किया गया है। इस पोर्टल पर स्कूलों में रिक्त पदों से लेकर कार्य कर रहे शिक्षकों का अपाइंटमेंट लेटर तक अपलोड था। इससे सब कुछ सार्वजनिक था और हेरफेर नहीं हो पाती थी। अधिकारियों ने इसे इसीलिए ही इसे बंद किया है ताकि मनमाने ढंग से ट्रांसफर पोस्टिंग व नियुक्ति का खेल शुरू कर सकें।