जब वरुण ने की नाना पंडित नेहरु की तारीफ

Varun-Gandhलखनऊ। भाजपा सांसद वरूण गांधी अपने परनाना जवाहरलाल नेहरू की प्रशंसा की है। शुक्रवार को भाजपा सांसद फिरोज वरुण गांधी लखनऊ में यूथ कॉन्क्लेव बोल रहे थे। व्यवस्था, भ्रष्टाचार और राजनीति पर बोलते हुए उन्होंने अपने नाना जवाहरलाल नेहरू की अलग अंदाज में चर्चा की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि नेहरू जी को बिना कुछ किए सब कुछ मिल गया, पंडित नेहरू को लेकर तंज कसते हैं लेकिन क्या वह उनके जितना ज्ञान रखते हैं। क्या वह पंडित नेहरू की तरह साढ़े 15 साल जेल में रह सकते हैं।
वरुण ने कहा कि सत्ता परिवर्तन एक लक्ष्य है लेकिन ज्यादा महत्वपूर्ण व्यवस्था परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि हर समस्या की जड़ ही राजनीति है। आज राजनीति में सफल 82 प्रतिशत नौजवान राजनीतिक परिवार से हैं। मैं फिरोज वरुण गांधी की जगह फिरोज वरुण अहमद होता शायद मैं भी एक दर्शक की तरह किसी नेता को सुन रहा होता। यदि मेरे नाम के आगे तिवारी या प्रसाद लिखा होता तो मैं भी दर्शकों की लाइन में होता। हम ऐसे देश में रहते हैं जहां दो चेहरे दिखते हैं। एक चेहरा केरल के किसान टी जोसेफ का है जो कर्ज न चुका पाने की वजह से जेल गयाए, वहीं दूसरा चेहरा भगौड़े विजय माल्या का है जो कर्ज लेकर भाग गया। इसके लिए व्यवस्था ही जिम्मेदार है। गांधी ने कहा कि माल्या के भागने से परेशान किसान मनमोहन भी हुआ, जिसके बैंक खाते में मात्र 1200 रुपए थे और उसे माल्या का गारंटर दिखाया गया। मुझे लगता भी नहीं कि माल्या कभी देश वापस भी आएगा। उन्होंने कहा कि राजनीति सुधर सकती है जब जार्डन और सिंगापुर की तरह युवाओं को राजनीति में आमंत्रित किया जाए।
वर्ष 2004 से 2016 तक 2.11 लाख करोड़ रुपये का ऋण माफ हुआ। इतने रुपये से मनरेगा के तहत पांच साल में 20 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता। एक लाख किसानों का कर्ज मिट जाता। रोजगार न मिलने से एक साल में आत्महत्या करने वाले 30 से 40 हजार युवाओं की जान बच सकती थी। हम ऐसे देश में रहते हैं जहां एक प्रतिशत लोगों के पास देश की 61 प्रतिशत संपत्ति है। देश की 90 प्रतिशत आबादी के पास ही आठ प्रतिशत संपत्ति है। देश में 48 करोड़ लोगों के पास रोजगार है इनमें 55 प्रतिशत लोगों की कमाई एक दिन में दो डॉलर भी नहीं है। स्वास्थ्य की स्थिति सबसे शर्मनाक है। शहरों में पैसा न होने से 20 प्रतिशत लोग और गांव में 54 प्रतिशत लोग अपना इलाज नहीं करवा पाते हैं। वरुण गांधी ने कहा कि बाबा साहब ने संविधान बनाते समय कहा था कि आजाद देश में एक संवेदनशील लोकतंत्र होगा बशर्ते इसे आप सहेजकर रख सके।
वरुण ने कहा कि देश की राजनीति और नेताओं से जुड़ी से कई बातों पर शर्म आती है। बहुत बुरा लगता है जब जनता के प्रतिनिधि वेतन बढ़ाने की मांग करते हैं। एक सांसद की संपत्ति औसतन 14.6 करोड़ रुपये है, उनमें मैं भी हूं। जबकि वो लग्जरी गाडिय़ों से आते हैं, महंगे बंगलों में रहते हैं, फिर क्या जरूरत है वेतन बढ़ाने की।