सभी पक्षों से की जाएगी बातचीत: राजनाथ

rajnath singhनई दिल्ली (आरएनएस)। जम्मू-कश्मीर के लिए बनाए गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के श्रीनगर रवाना होने से एक दिन पहले हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने सभी दलों के सदस्यों को कश्मीर के मौजूदा हालात और उनके आगामी दौरे की रूपरेखा की जानकारी दी। यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अपने श्रीनगर दौरे में कश्मीर में अलग-अलग वर्गों के लोगों से बातचीत करेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक में राजनाथ के अलावा संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और शीर्ष अधिकारी बैठक में कश्मीर के हालातों की प्रस्तुति देने वालों में शामिल रहे। इस बैठक में सांसदों को जम्मू-कश्मीर के मौजूदा जमीनी हालात, विभिन्न हितधारकों, लोगों और समूहों के रूख की जानकारी दी गई।
राजनाथ सिंह ने बैठक के बाद कहा कि सभी पक्षों से बातचीत होगी। कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खडग़े, गुलाम नबी आजाद और अंबिका सोनी थीं। गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि हम सब चाहते हैं कि हालात ठीक हो जाएं। वामदल की ओर से कहा गया कि सरकार को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित करना चाहिए और इसकी कश्मीर यात्रा के दौरान विश्वास बहाली के उपायों का ऐलान करना चाहिए। वहीं जम्मू-कश्मीर में विश्वास पैदा करने वाले कदमों की घोषणा करने जैसे कि पैलेट गन को हटाकर मिर्ची बम लाया जाए जाने की मांग रखी गई है।
जम्मू-कश्मीर में शांति के पक्ष में एकमत सभी दल
सर्वदलीय बैठक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि राज्य में शांति बहाल करने के उद्देश्य को लेकर सभी सांसद एक सुर में बोलें और अलग अलग वर्ग के लोगों से बात करते समय सांसदों के बीच आपसी सहमति हो। बैठक में कल से दो दिन के दौरे पर कश्मीर जा रहे प्रतिनिधिमंडल की लोगों और समूहों के साथ संभावित बातचीत पर ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। सूत्र ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्य अलगाववादियों सहित किसी से भी मिलने के लिए स्वतंत्र होंगे। हालांकि गृह मंत्री या कोई अन्य केंद्रीय मंत्री केवल उन्हीं लोगों से मिलेंगे जो संविधान के दायरे में सभी मुद्दों का हल करने के लिए तैयार हों। आठ जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर घाटी में अशांति है।
सभी नेताओं ने लिया इस बैठक में हिस्सा
राजनाथ और जितेंद्र के अलावा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में वित्त मंत्री अरूण जेटली, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंबिका सोनी, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (लोजपा), जदयू नेता शरद यादव, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा नेता डी राजा शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल में राकांपा के तारिक अनवर, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, शिवसेना के संजय राउत एवं आनंदराव अडसुल, तेदेपा के टी नरसिंह, शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिहं चंदुमाजरा, बीजद के दिलीप टिर्की, एमआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, एआईयूडीएफ के बदरूद्दीन अजमल और मुस्लिम लीग के ई अहमद, टीआरएस के जितेंद्र रेड्डी, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन, अन्नाद्रमुक के पी वेणुगोपाल, राजद के जयप्रकाश यादव, द्रमुक के तिरूचि शिवा, वाईएसआर कांग्रेस के वाई बी सुब्बा, आप के धर्मवीर गांधी और रालोद के दुष्यंत चौटाला भी शामिल हैं। बसपा और समाजवादी ने अपना समर्थन दिया है लेकिन अपना कोई सदस्य नामित नहीं किया।
हुर्रियत से बातचीत करने का सुझाव
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक के बाद सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि बैठक में सुझाव दिया गया कि हुर्रियत को भी बातचीत के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए, ताकि ये संदेश जा सके कि हम हर किसी से बात करना चाहते हैं। जदयू नेता शरद यादव व एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा कि इसके लिए प्रयास होगा कि आम राय बन जाए। हम लोग हुर्रियत समेत, हर किसी से बातचीत करने कि लिए तैयार हैं।