पीएम मोदी का अर्थशास्त्र बेहद कमजोर: कांग्रेस

congress logoनई दिल्ली (आरएनएस)। कांग्रेस ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गलत इकोनॉमी आंकड़े पेश कर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। वहीं प्रधानमंत्री के इकोनॉमिक्स के नॉलेज पर ही सवाल भी खड़े किए।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के पीएम अपने नागरिकों से झूठ बोलते हैं। शुक्रवार को एक चौनल को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने देश की खराब अर्थव्यवस्था के लिए पिछली यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। इस पर अब कांग्रेस ने पलटवार किया है।
सवाल-जवाब पीएमओ के
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक फिक्स्ड इंटरव्यू के जरिए प्रवचन दिया। जहां सवाल और जवाब उनके ही थे. शर्मा ने कहा कि पीएम ने अपनी सरकार की खुद सराहना की. उन्होंने कहा कि पीएम ने पिछली सरकार पर आरोप लगाए जो न्यायोचित नहीं है। 27 महीने बाद किसी तरह के बहाने बनाने की जगह पीएम मोदी को वादाखिलाफी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और अपनी सरकार के कारगुजारी ईमानदारी से बताना चाहिए।
पीएम को अर्थशास्त्र की कम जानकारी
शर्मा ने कहा कि यूपीए सरकार में भारत ऐसा पहला देश बना था जिसकी जीडीपी 10 साल में चार गुना बढ़ी थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अर्थशास्त्र के बारे में कम जानकारी रखते हैं और कोई अधिकारी भी उन्हें सही जानकारी दे तो उसे अपनी नौकरी जाने का डर रहता है, जो यूपीए ने मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था दी थी, वो बड़ी मजबूत हालत में थी। उस समय 300 खरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था।
बड़बोलेपन से सच नहीं बदलता
शर्मा ने आगे कहा कि यूपीए के समय 10 साल में भारत की राष्ट्रीय आय तीन गुना बढ़ी थी। वल्र्ड बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 14 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठाए गए थे। भारत का निर्यात 323 अरब डॉलर था। जबकि पिछले दो साल में वो निरंतर गिरा है। आज हमारी अर्थव्यवस्था की हालत चिंता का विषय है। राष्ट्रीय बचत दर के साथ निवेश दर भी गिरी है।
नई मैथेडोलॉजी से तय करे जीडीपी
इसके आगे शर्मा बोले कि दो रोज पहले जो आंकड़े सरकार की ओर से सामने आए हैं, उसमें जीडीपी 7.1 पर पहुंच गई है, लेकिन यह नई मैथेडोलॉजी के आधार पर है. अगर नई मेथेडोलॉजी की तरह से देखें तो यूपीए के पहले साल में 7 प्रतिशत जीडीपी थी। उसके बाद लगातार तीन साल 9.5 थी। आर्थिक संकट के समय पहली बार जीडीपी गिरकर 6.7 पर आई, और उसके तुरंत बाद दोबारा 8.3 पर पहुंची। यूपीए के समय औसत 8.5 प्रतिशत जीडीपी बढ़ी. उन्होंने कहा कि पीएम को अपने पद की गरिमा देखते हुए बात करनी चाहि। बड़बोलापन और सच को न मानने की आदत वास्तविकता को नहीं बदल सकता।यह काफी चिंताजनक, दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के प्रधानमंत्री अपने नागरिकों से झूठ बोल रहे हैं।