बोले पीएम मोदी: साथ मिलकर बना सकते हैं बेहतर दुनिया

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नई दिल्ली। जी- 20 सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम एक ऐसे समय में मिल रहे हैं जब विश्व को जटिल राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पीएम ने कहा कि जी -20 की को सामूहिक, समन्वित एवं लक्षित कार्रवाई करने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि जी-20 से जुड़े देशों के सामने एक जैसी ही चुनौतियां और अवसर हैं। हम साथ मिलकर एके बेहतर दुनिया बना सकते हैं। लेकिन इसके लिए विवादित मुद्दों को एक किनारे करना होगा। भारत का हमेशा से स्पष्ट मत रहा है कि विवादित मुद्दों से इतर भी हम विकास के एजेंडे पर चल सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि वित्तीय प्रणाली में सुधार करने के लक्ष्य के लिेए घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ बुनियादी ढांचे के निवेश को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय एजेंडा को हमें साझा रूप से इस प्रकार से आकार देना चाहिए जिससे विकासशील राष्ट्रों को अपने उद्देश्यों को हासिल करने में मदद मिल सके।Ó
इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने सीपीइसी और एनएसजी के मुद्दे पर अपने-अपने नजरिए को रखा। बताया जा रहा है कि शी जिनपिंग ने कहा कि बड़ी मुश्किल से बने रिश्ते को हमें खराब होने से बचाने की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि रिश्तों की मजबूती को कायम रखने के लिए एक दूसरे की भावनाओं का ख्याल रखने की जरूरत है।
इससे पहले चीन पहुंचे आज चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। बैठक के दौरान पीएम ने कहा कि हम बिशकेक (किर्गिज़स्तान) में चीनी दूतावास पर हुए धमाके की कड़ी निंदा करते हैं।दोनों के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई जिसमें पाक अधिकृत कश्मीर में चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर भी शामिल था। इसके अलावा भारत ने एक बार फिर चीन को न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप्स (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का मुद्दा उठाया।जी 20 के नेताओं की बैठक से इतर मोदी और शी के बीच की यह बैठक आज सुबह हांगझोउ वेस्ट लेक स्टेट गेस्टहाउस में हुई. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने ट्वीट किया, ”हांगझोउ में पहली बैठक मेजबान के साथ हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की।” दोनों नेताओं के बीच यह बैठक कई विवादित मुद्दों की पृष्ठभूमि में हुई है। इन मुद्दों में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध किए जाने, चीन द्वारा परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता रोकी जाने और 46 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का मुद्दा शामिल है. इन दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात ताशकंद में जून में आयोजित हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान हुई थी।