पीएम मोदी की पाक यात्रा खिलायेगी नया गुल

modi and nawazनई दिल्ली। ऐसे समय जब भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय रिश्ते हाल के वर्षो के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं, पीएम नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान यात्रा फिलहाल बहुत दूर की सोच दिखती है। पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बवाले ने मोदी की संभावित पाकिस्तान यात्रा की संभावना जता कर कूटनीतिक जगत में खलबली मचा दी है।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए विदेश मंत्रालय को देर शाम को यह स्पष्ट करना पड़ा कि मोदी दक्षिण एशिया की बैठक में भाग लेने पाकिस्तान जाएंगे या नहीं इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। सार्क देशों की शिखर बैठक नवंबर, 2016 में होनी तय है। पाकिस्तान के पीएम इसके लिए भारतीय पीएम को आमंत्रित कर चुके हैं और मोदी ने इसे स्वीकार भी किया था।
लेकिन यह बात नौ महीने पुरानी है। नौ महीनों में भारत व पाकिस्तान का रिश्ता गोते खा चुका है। एक तरफ जहां पाकिस्तान भारतीय कश्मीर में अलगाववाद को भड़काने में जुटा है तो पीएम मोदी ने ब्लूचिस्तान के मुद्दे को उठा कर पाकिस्तान को बैक फुट पर डाल दिया है। मोदी हर अंतरराष्ट्रीय मंच से पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने की कोशिश में हैं। यही नहीं सार्क देशो की शिखर बैठक की तैयारी के लिए बुलाई गई गृह मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने गये भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का अनुभव बहुत ही कड़वा रहा।
उसके बाद वित्त मंत्रियों की बैठक में भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हिस्सा नहीं लिया। इसी बीच सार्क समूह के दो अन्य देश बांग्लादेश और अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान पर सार्वजनिक तौर पर आतंक को बढ़ावा देने की नीति अख्तियार करने का आरोप लगा चुके हैं। इस तरह से सार्क समूह के तीन देशों (भारत, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) के साथ पाकिस्तान के रिश्ते बद से बदतर हो चुके हैं। ऐसे में सार्क बैठक होगी या नहीं इसको लेकर ही संशय के बादल मंडरा रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सार्क जैसे बड़े सम्मेलन में पीएम के शामिल होने के बारे में उचित समय पर फैसला होगा। इस तरह की बैठकों में शामिल होने का फैसला इतना पहले नहीं होता है। जानकारों के मुताबिक करंाची में एक सम्मेलन में भारतीय उच्चायुक्त ने मंगलवार को कहा है कि, भविष्य के बारे में वह नहीं जानते लेकिन अभी पीएम मोदी अपनी भावी पाकिस्तान यात्रा को लेकर उत्साहित है।