ओएसडी बिना वेतन के: एनडी तिवारी सरकार से आहत

nd-tiwariदेहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी इन दिनों प्रदेश सरकार के रवैये से एक बार फिर खासे आहत हैं। इस दफा उनकी पीड़ा अपने विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के वेतन को लेकर है। राज्यपाल व मुख्यमंत्री को भेजे पत्र का जवाब न मिलने पर उन्होंने अब मुख्य सचिव को पत्र भेजकर अपने विशेष कार्याधिकारी का मार्च से वेतन जारी करने का अनुरोध किया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि उनके ओएसडी को वेतन न मिलने के कारण उन्हें कार्य लेने में संकोच होता है।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री का पद और केंद्र सरकार में कई अहम महकमों का दायित्व संभाल चुके वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी उत्तराखंड की पहली निर्वाचित सरकार में भी मुख्यमंत्री रहे हैं। इसके बाद वे आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। उत्तराखंड में उन्हें वे सभी सुविधाएं मुहैया हैं जो एक पूर्व मुख्यमंत्री के लिए अनुमन्य हैं। बीते कुछ वर्षों से उनका अधिकांश समय लखनऊ में ही बीत रहा है। वह अब कभीकभार ही उत्तराखंड आते हैं।
उत्तराखंड में कुछ समय पहले पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिल रही सुविधाओं पर सवाल उठने के बाद सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को केवल आवासीय सुविधा ही अनुमन्य करने का निर्णय लिया था। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी की पुरानी सुविधाओं में पूरी कटौती नहीं की गई। उन्हें आवास के अलावा निजी स्टाफ भी रखना अनुमन्य किया गया। हालांकि, इसमें यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि इसमें विशेष कार्यधिकारी का पद शामिल है या नहीं।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने इस संबंध में शासन को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि उनके विशेष कार्याधिकारी को मार्च माह से वेतन नहीं मिला है। इस कारण उन्हें अपने विशेष कार्याधिकारी से काम लेने में संकोच होता है। उन्होंने पत्र में सुशीला तिवारी अस्पताल का जिक्र करते हुए यहां भी व्यवस्थाएं पूरी तरह दुरुस्त न होने की बात कही है। पत्र में तिवारी ने लिखा है कि उन्होंने इस संबंध में राज्यपाल डॉ. केके पाल और मुख्यमंत्री हरीश रावत को भी पत्र भेजे हैं, लेकिन शायद इनका संज्ञान नहीं लिया गया है। यही कारण हैं कि वे मुख्य सचिव को पत्र लिख रहे हैं।