मुन्नाभाइयों के खिलाफ चालान पेश करने सीबीआई को रिपोर्ट का इंतजार

vyapamभोपाल(आरएनएस)। व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई को सिर्फ हार्ड डिस्क टेम्परिंग की रिपोर्ट का ही इंतजार नहीं है, इसके साथ ही करीब 500 ऐसी रिपोर्ट का इंतजार है, जिसके आने के बाद आरोपी छात्रों व मुन्नाभाइयों के खिलाफ चालान पेश कर सकेगी। ये ऐसी रिपोर्ट हैं, जो देशभर की विभिन्न फॉरेंसिक लैब में हैंडराइटिंग, फोटो और फिंगर प्रिंट के मिलान के लिए भेजी गई हैं। सीबीआई ने करीब एक हजार से ज्यादा केस में हैंडराइटिंग, फोटो और फिंगर प्रिंट के मिलान को लेकर सेंट्रल फॉरेंसिक की दिल्ली, मुंबई, कोलकाता व भोपाल लैब में मामले भेजकर जानकारी चाही है और इसमें से आधे मामलों की रिपोर्ट सीबीआई को मिल पाई है। फिंगर प्रिंट की जांच मप्र स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के पास है। जांच की रफ्तार सुस्त फॉरेंसिक लैब में स्टाफ की कमी के चलते रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पा रही है, इसका असर जांच की रफ्तार पर पड़ रहा है। एक साल से मामले की जांच कर रही सीबीआई घोटाले से जुड़े आधे से ज्यादा आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है, लेकिन जब तक फॉरेंसिक लैब को भेजे गई रिपोर्ट नहीं आएगी सीबीआई भी चालान पेश नहीं कर पाएगी। मालूम हो कि हाल ही में सीबीआई की ग्वालियर टीम ने वर्ष 2009 में आयोजित हुई गुरुजी परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले पिता-पुत्र के खिलाफ सप्लीमेंट्री चालान पेश किया। फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद साफ हो पाया कि परीक्षा में ओएमआर शीट पर अंगूठे के निशान बेटे के थे। यानी परीक्षा में बेटे ने पिता के लिए सॉल्वर की भूमिका अदा की थी। दिसंबर से लीगल स्क्रूटनी सूत्रों के अनुसार सीबीआई दिसंबर 2016 तक पीएमटी परीक्षा के जिन मामलों में पूछताछ कर चुकी है, उन्हें लीगल स्क्रूटनी के लिए दिल्ली भेज दिया जाएगा। पीएमटी 2013 के 733 आरोपियों में से अब तक सीबीआई आधे आरोपियों के बयान ले चुकी है। जानकार बताते हैं कि सीबीआई ने अगले तीन महीनों में अन्य परीक्षाओं में भी पूछताछ पूरा करने का टारगेट रखा है। दिल्ली के अधिकारियों द्वारा लीगल स्क्रूटनी के बाद सीबीआई मामले में आरोपी छात्र व परिजनों के खिलाफ चालान पेश करना शुरू कर देगी।