मोदी बोले: हमारा पड़ोसी मुल्क है आतंकवाद का जनक

narendra-modi_10गोवा (आरएनएस)।  गोवा में चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन का आज दूसरा और आखिरी दिन है। इस दौरान पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना सदस्य देशों से कहा कि हमारा पड़ोसी मुल्क आतंक का जननी है। उन्होंने कहा कि वह आतंकवाद का व्यापार और उसका निर्यात करता है, जिसका सभी सदस्य देशों को पुरजोर विरोध करना चाहिए। पीएम मोदी ने हाईलेवल मीट में कहा कि भारत का पड़ोसी आतंकवाद की मानसिकता का शिकार है जिसके लिए सदस्य देशों को हर मंच पर उसका विरोध करना चाहिए। उन्होंंने इस मंच पर एक बार फिर से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लडऩे की अपनी बात को दोहराया। इस दौरान उन्होंने सीसीआईटी का भी जिक्र किया।ब्रिक्स के अंतिम दिन रूस ने भी साफ कर दिया है कि उसने पाकिस्तान से हेलीकॉप्टर डील की है उसका कोई सैन्य इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। वहीं आज बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टरल ऐंड इको को-ऑपरेशन) मीटिंग भी होनी है। इस दौरान श्रीलंका और भारत के बीच द्विपक्षीय मुद्दो पर वार्ता भी हुई। इसमें आतंकवाद के साथ-साथ दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाना जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। पहले दिन भारत ने चीन से जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित करने की राह में बीजिंग की ओर से अटकाए जा रहे रोड़े पर भी अपनी चिंताएं चीन के सामने रखीं। अजहर को प्रतिबंधित कराने के भारत के कदम पर चीन की ओर से लगाई गई रोक की पृष्ठभूमि में हुई द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिंनपिंग को भारत के नजरिए से अवगत कराया। सम्मेलन का पहला दिन भारत के लिए बेहद खास रहा। पहले दिन भारत और रूस के बीच रक्षा समेत अन्य क्षेत्रों में करीब 16 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इस दौरान जहां रूस ने भारत की आतंकवाद से लडऩे के लिए सराहना की वहीं भारत ने भी रूस को अपना पुराना घनिष्ठ मित्र बताया। हमारी कोशिश है कि भारत और रूस में बिजनेेस और इन्वेस्टमेंट बढ़ें। जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस को बताया पुराना साथी, देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत को रूस पर पूरा भरोसा है। वहीं रूस ने भी कहा कि वह कोई ऐसा काम नहीं करेगा जिससे दोनों देशों के बीच कोई भी मतभेद उभरे। इसके बाद पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मुलाकात की। इस दौरान भी आतंकवाद का मुद्दा छाया रहा। ब्रिक्स के सदस्य देश ब्राजील ने भी इस सम्मेलन से काफी कुछ उम्मीद जताई है। उनका कहना है कि इससे भारत और ब्राजील दोनों के लिए ही व्यापार के नए मार्ग खुलेंगे और कंपनियों को देश में कारोबार करने का मौका मिलेगा