नोटबंदी के बाद सोना-चांदी इस तरह बना मुनाफे का जुगाड़

goldअहमदाबाद (आरएनएस)। नोटबंदी ने सोना-चांदी और जूलरी मार्केट में एक नई ट्रेंड की शुरुआत कर दी है। ट्रेडर्स और जूलर्स के पास ऐसे लोगों की बाढ़ सी आ गई है जो सोना या चांदी बेचने के लिए पूछताछ कर रहे हैं। अधिक कीमत मिलने की वजह से पुराने 500 और 1000 के नोट भी स्वीकार करने को तैयार हैं। इस जुगाड़ के तहत कम कीमत पर सोना और चांदी खरीदने वाले लोग अभी मुनाफा कमाने में लगे हैं। दूसरी तरफ, ब्लैक मनी रखने वाले पुराने नोट से सोना खरीद रहे हैं।
इस तरह, उन्हें प्रीमियम नहीं देना पड़ रहा है। इसके साथ ही अपने पैसे को सोने में बदल पा रहे हैं। जूलर दोनों पक्षों से मुनाफा लेकर चांदी कूट रहे हैं। विक्रेता, खरीदार और जूलर तीनों पक्षों के लिए यह मुनाफे का सौदा है। जूलर 40,000 से 50,000 रुपये की दर से सोना खरीद रहे हैं और काफी ऊंची कीमत पर बेच रहे हैं।
जेम्स एंड जूलर्स ट्रेड काउंसिल ऑफ इंडिया (जीजेटीसीआई) के प्रेजिडेंट शांतिभाई पटेल ने कहा, यह सच है। मुझे भी ऐसी जानकारी मिली है, लोग पुराने नोट लेकर सोना-चांदी बेचने को तैयार हैं। अहमदाबाद व्यापारी महाजन एंड जूलर्स असोसिएशन के मीडिया कन्वीनर आशीष जावेरी ने कहा, नोटबंदी की वजह से सोने-चांदी की कीमत में उछाल की खबरों के बाद अधिकांश जूलर्स से प्रतिदिन 10-15 लोग पूछताछ कर रहे हैं।
हालांकि जावेरी के मुताबिक बहुत कम लोग इस सिस्टम का इस्तेमाल कर पा रहे हैं। 8 नवंबर की रात के बाद अपने मुनाफे के लिए बहुत कम लोगों ने सोना या चांदी बेची है। उन्होंने कहा, मैं लोगों से अपील करता हूं कि ऐसे किसी भी काम में शामिल ना हों। बंद किए जा चुके नोट का इस्तेमाल करना अवैध है और यह मुसीबत में डाल सकता है।
इस कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि विक्रेताओं और ट्रेडर्स ने इस सिस्टम से बहुत मुनाफा कमाया है। यह काम बहुत सावधानी से और सीमित मात्रा में हो रहा है, लेकिन मामला करोड़ों का है। नाम सार्वजनिक ना करने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया, मैंने कुछ समय सोने की छड़ें 25000 रुपये की दर से खरीदी थी, लेकिन यदि कोई मुझे अभी इसके लिए 4०० रुपये दे तो मुझे बेचने में संकोच नहीं।