तेज हुआ जाट आंदोलन: प्रशासन चौकन्ना

jat andolanनई दिल्ली। रविवार सुबह से ही अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं ने जसिया में डेरा डाल दिया है। इसके साथ ही प्रशासन भी चौकस हो गया है। जाट आंदोलन के नजरिए से संवेदनशील जिले हिसार, रोहतक, सोनीपत, पानीपत में पुलिस ने नाकेबंदी कर दी गई है। इसके साथ ही इन सभी जगहों पर धारा 144 लगा दी गई है। इसके अलावा आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा सरकार ने केंद्र से पैरा मिलिट्री फोर्स की 20 और कंपनियां मांगी हैं। गौरतलब है कि अद्र्धसैनिक बलों की 37 कंपनियां यहां पहले से मोर्चा संभाल चुकी हैं। गौरतलब है कि अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने शनिवार को ही गुडग़ांव में कहा था कि प्रदेश सरकार ने हमारी कोई मांग नहीं मानी। इसलिए 29 जनवरी से जाट आरक्षण को लेकर सभी जाट नेता धरने पर बैठेंगे। हालांकि, उन्होंने धरना शांतिपूर्वक रहने की बात कही थी।
सीआईडी से जाट जागृति सेना के नेताओं के तेवर की जानकारी मिलने के बाद रोहतक और सोनीपत प्रशासन ने मुनक नहर पर 15 सीआरपीएफ कंपनियों का पहरा बढ़ा दिया। प्रशासन का दावा है कि फिलहाल नहर के आसपास 20 सीआरपीएफ कंपनियां और करीब 250 पुलिस जवान तैनात कर हैं। गौरतलब है कि शनिवार को रोहतक से जाट जागृति सेना ने दिल्ली की हवा-पानी रोकने की धमकी दी थी। संगठन ने चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो आने वाला समय न सिर्फ हरियाणा, बल्कि देश की राजधानी दिल्ली के लिए भी सुकून भरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि युवा जाट मुनक नहर पर कब्जा करेंगे। फिर चाहे पुलिस तैनात हो या फोर्स। पिछले वर्ष भी नहर की सुरक्षा के लिए हरियाणा पुलिस के 300 जवान तैनात थे, लेकिन दंगाइयों को देख ये सभी भाग खड़े हुए थे। इसके बाद उपद्रवियों ने नहर को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया था। इस वजह से दिल्ली को कई दिनों तक पानी की सप्लाई रुक गई थी।
सीनियर सरकारी ऑफिसरों ने शनिवार को अपनी तैयारियों का विश्लेषण किया और संवेदनशील जिलों को जरूरी निर्देश दिए। अतिरिक्त गृह सचिव रामनिवास ने कहा है कि सरकार पूरी तरह चौकस है और हर हालात से निपटने को तैयार है।