मिशन 2017: यूपी में युवाओं के सहारे तैयारियों में जुटी है सपा

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विशेष संवाददाता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ दल समाजवादी पार्टी ने अपनी कमजोर विधानसभाओं में पैर जमाने की तैयारी की है। सपा के मजबूत कैडर और सरकार की उपलब्धियों के सहारे एक बार फिर विजय के मनोरथ को पूरा करने की तैयारी है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और युवा मु यमंत्री अखिलेश यादव का फोकस सिर्फ उपलब्धियों को घर-घर पहुंचाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि गाहे-बगाहे उत्पन्न हो रही उन चुनौतियों को नजरअंदाज कर संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने की कवायद में हैं, जिनके बलबूते 2017 के मिशन को जीत में तब्दील किया जा सके। उन्होंने सियासी संग्राम में जाने से पहले संगठनात्मक स्तर पर एक-एक विधानसभा की वास्तविकता को परखने की खातिर ही ऐसे 159 विधानसभाओं को चिन्हित किया जहां पिछली बार पार्टी का प्रदर्शन का काफी फीका रहा था। अखिलेश ने प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश उत्तम की अध्यक्षता में एक चयन समिति बना रखी है, जो पिछले दो दिनों से ऐसे टिकट के दावेदारों के दमखम का परीक्षण कर रही है। आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट और इलाहाबाद मंडलों से 1500 प्रत्याशियों ने दावेदारी की है। हाल ही में लगभग 350 प्रत्याशियों ने साक्षात्कार दिया है। चुनावी कसरत के क्रम में अभी 2 महीने लगातार युवा संगठनों की बैठकें आयोजित हुईं, जिनके सहारे पूरी फौज सियासी मैदान में कूच करने वाली है।
मुलायम यूथ ब्रिगेड, युवजनसभा, छात्रसभा और लोहिया वाहिनी के प्रदेश और जिला कार्यकारिणी की बैठकें आहुत कर नौजवानों को प्रदेशभर में समाजवाद का अलख जगाने, सरकारी उपलब्धियों और चुनावी मैदान मारने की कला-कौशल की ट्रेनिंग दी गई है। मुलायम यूथ ब्रिगेड के प्रदेष अध्यक्ष मो.ऐबाद के मुताबिक सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव नौजवानों पर भरोसा करते हैं। संघर्ष के दौरान अखिलेश ब्रिगेड ही सड़कों पर उतर कर विरोधियों का लोहा लेती है। सत्ता और संगठन की कड़ी को और ठोस बनाने के लिए मंत्रियों को जिलों-जिलों का प्रभारी बनाया गया है। मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में सरकार की तरफ से न सिर्फ विकास कार्यक्रमों पर नजर रखता है बल्कि संगठन की दृष्टि से भी जिला संगठनों से बेहतर तालमेल स्थापित करता है। हालांकि अभी तक सर्वाधिक शिकायतें मंत्रियों की ही आई हैं। सपा नेतृत्व ने मंत्रियों की शिकायतों पर गोपनीय रिपोर्ट मंगवाकर उन्हें संगठन और कार्यकर्ताओं से समन्वय स्थापित करने के लिए कहा है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार चूंकि 2017 की लड़ाई सिर्फ जमीन पर ही नहीं लड़ी जाएगी बल्कि प्रचार तंत्र भी एक मजबूत जरिया होगा जहां आधुनिक तरीके से राजनीतिक विरोधियों का जवाब देना होगा। इसलिए प्रदेश अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने के लिए बाकायदा प्रशिक्षण की तैयारियों का निर्देश दिया है। वहीं पार्टी संगठनकर्ताओं ने कार्यकर्ताओं को बौद्धिक और समाजवादी सिद्धांतों के अनुरूप प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन भी शुरू कर दिया है।