गिरा सोना,आये बुरे दिन

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अंशुमाली रस्तोगी।
जब से सोने के दामों में गिरावट आई है, मेरे मोहल्ले के चेन-स्नेचरों का दम ही निकल गया है। ठलुओं की तरह नि_ले घूम रहे हैं आजकल। अखबार भी चेन-स्नेचिंग की खबरों के बिना सूने-सूने से लगते हैं। जो पुलिस कभी चेन-स्नेचरों को पकडऩे में दिनभर अस्त-व्यस्त-पस्त रहा करती थी, वो भी खाली हो गई है। चौराहे पर बनी चौकी में एकाध सिपाही ही रहता है, वो भी नाम करने को।
सोने के भाव गिरने से हालांकि बहुत से लोग (खासकर महिलाएं) खुश हैं, लेकिन ऐसी खुशी का क्या मतलब जो किसी की रोजी-रोटी छीन ले। चेन-स्नेचिंग चेन-स्नेचरों के लिए रोजी-रोटी समान है। माना कि उनका धंधा गंदा है, पर धंधा तो है। कम से कम वे काम पर तो लगे हुए हैं न। ठलुओं की तरह नि_ले तो नहीं टहल रहे यहां-वहां। दिनभर में दो-चार चेनों पर हाथ साफ करने का मतलब है, अच्छी-खासी मोटी कमाई। इस बहाने उनकी जेब और गर्लफ्रेंड का खर्चा तो निकल ही रहा है। क्या बुरा है।
चेन-स्नेचिंग को मामूली काम न समझिए। इसमें चरित्र का पूरा रिस्क है। चेन खींचकर भाग लिए तो ठीक। अगर कहीं पकड़े गए तो मार-कुटाई के साथ-साथ जेल की यात्रा भी करनी पड़ सकती है। इस लाइन में केवल वही लोग आते हैं, जिनका दिल कठोर होता है। कमजोर दिल वालों के लिए यहां कोई जगह नहीं। किसी की गर्दन पर हाथ साफ करना कोई छोटी बात थोड़े है। सोना जित्ता प्रिय पहनने वाले को है, उत्ता ही चेन-स्नेचर को भी। फिर भला कौन छोडऩा चाहेगा।
इधर सोने के भाव ने गिरकर सब गड़बड़ कर दी है। एकदम उलटा हो लिया है। जब सोने के भाव बढ़ रहे थे, तब मेरे मोहल्ले की महिलाएं जमकर सोना पहन रही थीं मगर जब से भाव गिरे हैं, सोना पहनना इत्ता कम कर दिया है कि बिचारे चेन-स्नेचरों के धंधे-पानी पर बन आई है। सोना पहन जरूर कम रही हैं, मगर खरीद खूब रही हैं। खरीद इस उम्मीद में ज्यादा रही हैं, वापस इत्ते कम रेट मिले न मिले। उन पतियों के बारे में जब सोचता हूं तो मेरा कलेजा मुंह को आ जाता है तो कित्ते टाइप के एडजस्टमेंट कर अपनी पत्नियों को सोना दिलवा रहे हैं। वाकई शाबाश है उनको।
अच्छे दिन कब बुरे दिन में परिवर्तित हो जाएं, कोई नहीं जानता। कल तलक जो लौंडे चेन-स्नेचिंग कर महंगी-महंगी गाडिय़ों पर घूमा करते थे, शौक पूरे करने में कोई कोताही नहीं बरतते थे, गर्लफ्रेंडों का खास ख्याल रखते थे, आज साइकिल और बीड़ी पर उतर आए हैं। जाने कित्तों की गर्लफ्रेंडें उनको छोड़कर किसी और की हो ली हैं।
यों, किसी के धंधे का मंदा होना मुझसे देखा नहीं जाता। रोजी-रोटी सबकी चलनी चाहिए। चाहे वो बिजनेसमैन हो या चेन-स्नेचर। दुआ ही कर सकता हूं कि सोना फिर से अपने अच्छे दिनों में लौट आए ताकि चेन-स्नेचरों के बुरे दिन टल सकें।