आवासीय भूखंडों पर मार्केट निर्माण का नहीं थम रहा है सिलसिला

गजियाबाद। भले ही अवैध निर्माण पर काबू पाने की दिशा में जीडीए उपाध्यक्ष के द्वारा सख्ती बरती जा रही हो,लेकिन कुछ स्टाफ ऐसा भी है जो कि अवैध निर्माण को धडल्ले से बढावा दे रहा है। पार्किंग के लिए प्रस्तावित हिस्सों में विभिन्न कंपनियों के शो रूम खुलवाए जा रहे है। बताते है कि आवासीय इमारतों के बेसमेंट एवं पार्किंग के हिस्सों में बनने वाली दुकान,शो रूम आदि को नियमित भी नहीं किया जा सकता है। हिंडनपार के वैशाली सेक्टर-4 की रोड से लगे भूखंड के साथ इंदिरापुरम के अधिकांश रोड साइट के हिस्सों के भूखंडों पर बढते शो रूम एवं दुकानें चर्चा का पहलू बने है। सवाल ये उठ रहा है कि आखिर पार्किंग के हिस्सों पर कैसे व्यवसायिक गतिविधि बढ रही है। बताते है कि सीएम पोर्टल पर शिकायतें उठने पर मनचाही रिपोर्ट लगाते हुए उसे समाप्त करा दिया जाता है। सूर्य नगर से पार्षद एसके माहेश्वरी कहते है कि ये उच्च न्यायालय के आदेश की खुली अवहेलना है। कोर्ट में जीडीए की तरफ से इस आश्य का हल्फनामा दिया गया है कि अवैध निर्माण नहीं होने दिया जाएगा।
यहां बता दे कि जीडीए के द्वारा विकसित अधिकांश कालोनियों की स्थिति देखी जाए तो दिनों दिन जाम की समस्या बढ रही है। अधिकांश कालोनियों में लोगों के द्वारा आवासीय इस्तेमाल के लिए आवंटित भूखंडों पर पार्किग के हिस्सों में दुकानों का निर्माण कर लिया है अथवा किया जा रहा है। वैशाली सेक्टर-2 से मदर डेयरी होते हुए चाहे सैक्टर-एक को जोडने वाली रोड का मामला हो या वैशाली सेक्टर-एक की यूपी गेट को जोडने वाली रोड या इंदिरापुरम की अधिकांश रोड पर दिनों दिन स्थिति बद से बदतर हो रही है। माना जा रहा है कि जिन ओएसडी को प्रवर्तन प्रभारी के तौर पर कमान दी गई है वह कभी अपने एरिया में जाते नहीं है। सूत्र बताते है कि यदि प्रवर्तन प्रभारी यदि एरिया में औचक निरीक्षण करें तो जो कुछ निचला स्टाफ करा रहा है वह छिपने वाला नहीं है। जो जीडीए के द्वारा चार मंजिले भवन बनाए गए,वह कहने को रखरखाव के अभाव में खंडहर में तब्दील हो गए है,उनमें जबरदस्त तरीके से छेडछाड की जा रही है।