गाजियाबाद। वाहन चालक की करंट लगने से मौत के उपरांत परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा तथा उसके परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी दिए जाने की मांग को लेकर नगर निगम की वाहन चालक यूनियन द्वारा हड़ताल कर दी गई थी । बुधवार को निगम के वाहन चालकों ने अपने वाहन गेराज से बाहर नहीं निकाले । निगम द्वारा यूनियन के सदस्यों को बुलाकर समझाने बुझाने तथा 5 लाख रुपए का चेक दिए जाने के उपरांत वाहन चालक यूनियन द्वारा हड़ताल खत्म कर दी गई तथा कूड़ा उठाने का काम फिर से शुरू किया गया। नगर निगम में वाहन चालक के पद पर तैनात 34 वर्षीय निखिल एक गाड़ी का ऊपरी हिस्सा हाईटेंशन तार की चपेट में आ जाने के कारण मौत हो गई थी । नगर निगम द्वारा मृतक के परिजनों को आर्थिक मदद पहुंचाने का आश्वासन तो दिया गया था परंतु बुधवार तक उन्हें चेक नहीं दिया गया था । मंगलवार को वाहन चालकों द्वारा आयोजित शोक सभा के कारण कूड़ा निस्तारण नहीं हो पाया था और बुधवार को यूनियन द्वारा हड़ताल की घोषणा कर दी गई । हड़ताल की सूचना पानी के उपरांत महानगर आयुक्त महेंद्र सिंह चौहान तथा मेयर आशा शर्मा मैं वाहन चालकों की यूनियन के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की तथा उन्हें निखिल के परिजनों को देने के लिए 5 लाख रुपए का चेक सौंपा । परंतु यूनियन की तरफ से निखिल के परिजनों को 10 लाख रुपए देने की मांग की गई । निगम द्वारा 5 लाख रुपए का चेक देने पर यूनियन द्वारा यह कहा गया कि जिस फर्म के माध्यम से निकल आउटसोर्सिंग के तहत नगर निगम में कार्यरत है उस फर्म से भी 5 लाख रुपए दिलवाए जाएं । निगम प्रबंधन द्वारा मदद का आश्वासन दिए जाने पर यूनियन द्वारा हड़ताल खत्म कर दी गई।