ऐसा समुदाय जिसमें शादी से पहले होती है वर्जिनिटी टेस्ट

मुंबई। महाराष्ट्र में कंजरभट समुदाय के लड़कियों की वर्जिनिटी टेस्ट कराने की परंपरा है। इसको लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अजोय मेहता को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। एनएचआरसी ने इस तरह के रिवाज का पालन करने से रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के संबंध में एक रिपोर्ट भी पेश करने के लिए कहा है। एनएचआरसी ने यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के वकील राधाकांत त्रिपाठी की एक शिकायत पर दिया है। वकील ने तर्क दिया कि राज्य में कंजरभट समुदाय में लड़कियों को शादी से पहले वर्जिनिटी टेस्ट से गुजरना पड़ता है। त्रिपाठी का कहना है, “अगर लडक़ी शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाई रहती है तो उसे बेरहमी से पीटा जाता है। इसे रोकने के लिए एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया है। हालांकि ग्रुप के एक सदस्य ने एक घटना जिक्र करते हुए कहा था कि पंचायत के सदस्यों ने वर्जिनिटी टेस्ट में पास करने के लिए एक जोड़े से रिश्वत ली।” उन्होंने आरोप लगाया कि अधाकारियों ने इसकी जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों को उक्त अभ्यास के बारे में पता होने के बावजूद, वे इसके खिलाफ कोई कार्रवाई करने में विफल रहे हैं। एनएचआरसी के नोटिस के अनुसार, राज्य अधिकारियों ने कहा है कि वर्जिनिटी टेस्ट की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने स्वयंसेवकों और गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) समूह के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की।