कैसे हारेगा कोरोना: 23 फीसदी वैक्सीन हुई बर्बाद

नई दिल्ली। देश के कई राज्यों से वैक्सीन की कमी कि शिकायतें आ रही हैं। वहीं बड़ी संख्या में इन टीकों की बर्बादी की खबर हिला देने वाली है।
जानकारी के अनुसार 11 अप्रैल तक देश के कई राज्यों में कुल टीकों का करीब 23 फीसदी बर्बाद कर दिया गया। इसके अनुसार सबसे अधिक वैक्सीन की बर्बादी तमिलनाडु, हरियाणा, पंजाब, मणिपुर और तेलंगाना में हुई है। आरटीआई की रिपोर्ट से पता चला है कि राज्यों द्वारा 11 अप्रैल तक कुल 10.34 करोड़ में से 44.78 लाख टीके बर्बाद कर दिए गए। हालांकि केरल, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, गोवा, दमन और दीव, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में वैक्सीन की किसी प्रकार की कोई बर्बादी नहीं की गई। यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब सरकार ने 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को अब टीका लगने की घोषणा की है। एक ओर इस तरह टीकों की बर्बादी की खबर आ रही है। वहीं दूसरी ओर दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में किसी तरह कि रुकावट न आए इसके लिए केंद्र सरकार ने भारत में टीका बनाने वाली कंपनियों सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक को दो महीने का 100 फीसदी एडवांस का भी भुगतान कर दिया गया है। खबरों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने दोनों कंपनियों को कुल 4 हजार 500 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया है। कोविशिल्ड का उत्पादन करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट के लिए 3,000 करोड़ और कोवैक्सिन का उत्पादन करने वाले भारत बायोटेक के लिए 1500 करोड़ दिए गए हैं। बता दें कि पिछले हफ्ते केंद्र ने भारत बायोटेक की बेंगलुरु फैसिलिटी के लिएभी 65 करोड़ अनुदान को मंजूरी दी थी।