गाजियाबाद। देश के माननीय प्रधानमंत्री जी ने कुछ समय पूर्व कोरोना महामारी के इस आपदा के समय को अवसर में बदलने के लिए कहा था । साधारण जनमानस पर इसका कितना असर हुआ यह तो पता नहीं परंतु गुटखा व्यापारी सिगरेट व्यापारी, शराब विक्रेता, दवा विक्रेता, यहां तक कि परचून वालों पर भी इस आपदा को अवसर में बदलने और रातो रात करोड़पति बनने का जुनून कुछ इस कदर सवार हुआ कि वह सब कुछ भूल कर जनता का गला रेतने तथा ज्यादा से ज्यादा माल कमाने के चक्कर में लग गए। इस संकट काल में भी जमाखोरों तथा मुनाफाखोरो के हौसले बुलंद है। आलम यह है कि आवश्यक सामग्री तथा दवाइयों तक का टोटा बताकर दुकानदारों द्वारा ग्राहकों से मोटी रकम ऐंठी जा रही है। पान मसाला तथा गुटखा एवं सिगरेट की कृत्रिम शॉर्टेज दिखाकर ग्राहकों से मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। एक और जहां जनपद की जनता कोरोना के संक्रमण से त्रस्त है वही कुछ नर पिशाच किसम के व्यापारी लॉक डाउन का भय दिखाकर जनता का खून चूसने से बाज नहीं आ रहे। प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के खतरे से निपटने के लिए पूरे प्रदेश में नाइट कफ्र्यू के साथ-साथ वीकेंड लॉकडाउन की भी घोषणा कर दी गई है। इसी लॉक डाउन की वजह से माल की शॉर्टेज का रोना रोकर मुनाफाखोरो द्वारा दुगने तिगने दामों पर ग्राहकों को सामान बेचा जा रहा है। गुटखा, पान मसाला, सिगरेट तथा अन्य तंबाकू उत्पादनों को लॉक डाउन का अंदेशा होते ही गोदाम में भर लिया गया था। अब उन सामग्रियों की अनुपलब्धता बता कर ग्राहकों को लूटा जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि शासन एवं प्रशासन की नाक के नीचे यह सब कुछ हो रहा है पर यह थोक व्यापारी अब भी उनकी गिरफ्त से दूर हैं। क्या शासन और प्रशासन को वास्तव में इसकी जानकारी नहीं है अथवा वह जानबूझकर अनजान बने हैं?
आपदा में अवसर : गुटखों की कालाबाजारी जमकर
