संयुक्त आयुक्त ने उठाया लावारिस अस्थियों के विसर्जन का बीड़ा

गाजियाबाद। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में हजारों लोगों की जिंदगी छीन ली और न जाने कितने लोगों को बेघर और बेरोजगार कर दिया । कोरोना महामारी के इस दौर में एक और जहां कुछ लोगों ने इंसानियत की नई मिसाल पेश की वहीं दूसरी ओर कुछ जगहों में इंसानियत और रिश्ते तार-तार होते दिखे। कुछ मृतकों के परिजन उनके अंतिम संस्कार तक में उनसे दूर भागते दिखे तथा कुछ मृतकों को उनकी अंतिम यात्रा के समय चार कंधे मिलने भी नसीब नहीं हो सके । संक्रमण से ग्रस्त कुछ परिजनों ने अगर मृतकों का अंतिम संस्कार जैसे तैसे कर भी दिया तो वह उनकी अस्थियां लेने नहीं पहुंचे । ऐसे लावारिस व्यक्तियों के अस्थि विसर्जन के लिए अब जिला प्रशासन सामने आया है। संयुक्त आयुक्त उद्योग वीरेंद्र कुमार द्वारा ऐसे 18 मृतकों की अस्थियां गंगा में प्रवाहित की गई जिनकी अस्थियां लेने उनके परिजनों में से कोई भी नहीं आया था । हिंडन के मोक्ष धाम में ऐसे 14 मृतकों की अस्थियां रखी हुई थी जिनके परिजन उन्हें वापस लेने नहीं आए। वहीं दूसरी ओर चार शवों की अस्थियां लावारिस रखी हुई थी। जब लगातार मृतकों के परिवारजनों से संपर्क करने के बावजूद कोई उनकी अस्थियां लेने नहीं आया तब उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र के संयुक्त आयुक्त नए इस का बीड़ा उठाया तथा नगर निगम की अनुमति प्राप्त करने के उपरांत अपने स्टाफ के साथ बृजघाट जाकर उन्होंने सभी अस्थियों को विधिवत गंगा में विसर्जित किया । इसके उपरांत उनके द्वारा गो ग्रास गंगा ग्रास तथा निर्धनों को भोजन भी करवाया गया।