विमेन पावर लाइन को मिलेगी 4 हजार गाडिय़ां

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(विशेष संवाददाता) लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि 1090 विमेन पावर लाइन की क्षमता विस्तार पर विचार किया जाएगा ताकि प्रदेश के किसी भी कोने से फोन करने वाली महिला को इंतजार न करना पड़े। उन्होंने कहा कि जैसे हर संस्थान में अच्छे-बुरे लोग होते हैं उसी प्रकार पुलिस में भी हैं। लेकिन अधिकांश लोग महिलाओं की मदद के लिए त्वरित कार्रवाई करते हैं। डायल 100 और 1090 विमेन पावर लाइन तथा आशा ज्योति केन्द्रों के माध्यम से महिलाओं की अधिकांश समस्याओं का समाधान करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा प्रत्येक जनपद में महिलाओं की समस्याओं पर गौर करने के लिए वरिष्ठ पुलिस महिला अधिकारी को जिम्मेदार बनाए जाने के लिए भी कहा गया है। राजमार्गों एवं नगरों में महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था तथा इसके संचालन की जिम्मेदारी भी महिला को देने पर भी विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री सोमवार को स्थानीय एक होटल में एक निजी चैनल के तत्वावधान में आयोजित आधी आबादी महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। डायल 100 का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एंबुलेंस सेवा की तरह ही इस व्यवस्था को भी प्रभावी बनाया जाएगा ताकि आवश्यकता पडऩे पर 10 से 15 मिनट में पुलिस मौके पर पहुंच सके। इस योजना के तहत लगभग 4,000 वाहनों को खरीदने की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में महिलाओं द्वारा भूमि की रजिस्ट्री कराए जाने पर स्टांप शुल्क में छूट देने की व्यवस्था लागू की थी। इसी प्रकार को-ऑपरेटिव बैंक के लोन के ब्याज पर महिलाओं को छूट देने की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने सीमित वित्तीय संसाधनों के बावजूद महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित कर रही है। इसमें स्वैच्छिक संस्थाओं एवं समाजसेवियों की सक्रिय भागीदारी हो जाने पर इस कार्य को गति मिलेगी। श्री यादव ने कहा कि परिवार की महिला मुखिया को सम्मान दिलाने के लिए ही समाजवादी पेंशन योजना की धनराशि उसके खाते में ही प्रेषित की जा रही है। गौरतलब है कि इस पेंशन योजना के तहत प्रदेश के लगभग 45 लाख परिवारों को आच्छादित किया गया है। इससे पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा कि प्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा एवं कल्याण के लिए जिन योजनाओं को संचालित किया है उनके परिणाम काफी उत्साहवर्धक हैं। 1090 विमेन पावर लाइन द्वारा अब तक लगभग 5 लाख से अधिक महिलाओं ने लाभ उठाया है। महिलाओं को ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए एक वेबसाइट की भी व्यवस्था की गई है।