नई दिल्ली। देश में पिछले साल कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा था लेकिन सडक़ हादसों में कोई कमी नहीं आई। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि हर रोज औसतन 328 लोगों की मौत हुई। देश में पिछले साल लापरवाही से हुए सडक़ हादसों के कारण 1.20 लाख लोगों की मौत हुई. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बावजूद हर रोज औसतन 328 लोग सडक़ हादसे में मारे गए. एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक तीन साल के दौरान 3.92 लाख लोगों की सडक़ हादसों में मौत हुई. सडक़ पर लापरवाही एनसीआरबी की वार्षिक क्राइम इंडिया रिपोर्ट 2020 में खुलासा किया कि सार्वजनिक सडक़ पर तेज गति से या लापरवाही से वाहन चलाने से चोट लगने के मामले 2020 में 1.30 लाख, 2019 में 1.60 लाख और 2018 में 1.66 लाख रहे, जबकि इन सालों में गंभीर चोट लगने के क्रमश: 85,920, 1.12 लाख और 1.08 लाख मामले दर्ज किए गए. आंकड़ों के मुताबिक 2020 में 1.20 लाख ऐसी मौतें दर्ज की गईं, यह आंकड़ा 2019 में 1.36 लाख और 2018 में 1.35 लाख था।
सडक़ हादसों में गयी 1 लाख 20 हजार लोगों की जान
