शत्रु सम्पत्ति बेचकर मोदी सरकार भरेगी झोली

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने उन शत्रु संपत्तियों के निपटान के लिए एक हाई लेवल कमिटी का पुनर्गगठन किया है जो पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने वाले लोगों द्वारा छोड़ी गई है। गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट बताती है कि यह कमिटी 12,600 से अधिक अचल संपत्ति का निपटान करेगी जिससे सरकारी खजाने को एक लाख करोड़ रुपये तक मिल सकता है। गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक एक एडिशनल सेक्रेटरी रैंक का अधिकारी कमिटी का अध्यक्ष होगा जबकि एक मेंबर सेक्रेटरी के साथ पांच अन्य विभागों के सदस्य होंगे। इस कदम को सरकार द्वारा विभाजन के दौरान और 1962 युद्ध के बाद भारत छोडऩे वाले लोगों द्वारा छोड़ी गई संपत्ति के मुद्रीकरण की एक नई कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट मुताबिक 12,485 संपत्ति पाकिस्तानी नागरिकता लेने वालों की है और 126 चीन की नागरिकता लेने वालों की। सबसे अधिक 6255 दुश्मन संपत्ति उत्तर प्रदेश में हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 4088, दिल्ली में 658, गोवा में 295, महाराष्ट्र में 207, तेलंगाना में 158, गुजरात में 151, त्रिपुरा में 105 और बिहार में 94 दुश्मन संपत्ति हैं। अब तक 2700 करोड़ रुपये की चल संपत्तियों का निपटारा किया जा चुका हैं और इन पैसों को भारत सरकार के फंड में जमा किया जा चुका है। हालांकि अभी तक कोई भी अचल संपत्ति नहीं बेची गई है।