लाठीचार्ज की न्यायिक जांच की मांग को लेकर दोनों सदनों में हंगामा

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लखनऊ।(विसं.) मंगलवार को विधानमंडल दल के दोनों सदनों कांग्रेस सदस्यों ने सोमवार को लाठीचार्ज घटना की न्यायिक जांच की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। इस हंगामें के कारण सदन की कार्यवाही पहले दस मिनट और बाद में साढ़े ग्यारह बजे फिर बारह बजकर बीस मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गयी। हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं हो पाया। जबकि विधानपरिषद की कार्यवाही इससे पहले हंगामें के चलते कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा की कार्यवाही जैसे ही बारह बीस पर फि र शुरू हुई लेकिन कांग्रेस सदस्यों के विरोध के चलते विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही पहले दस मिनट और फि र एक बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही फि र शुरू हुयी तो कांग्रेस सदस्य हंगामा करते रहे। इसी हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने विधायी कार्य निपटाते हुए मात्र तीन मिनट में अनुपूरक बजट पारित करा दिया। साथ ही उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी (द्वितीय संशोधन) विधेयक और उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पटल पर रखे गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थागित कर दिया गया।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे। सभी सदस्य बैनर लिये सोमवार को राजधानी में हुई लाठीचार्ज मामले की सरकार से न्यायिक जांच की गुहार कर रहे थे। कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि सरकार को उसकी कारगुजारियों का सड़क पर आईना दिखा रही है। सरकार ने कांग्रेसियों पर लाठीचार्ज कराकर जुल्म किया है। इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की जानी चाहिए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री मो. आजम खां ने कहा कि सदन में मौजूद कांग्रेस का एक भी विधायक चोटिल नजर नहीं आ रहा है। इन्होंने तो बेगुनाहों को लाठीचार्ज के लिए धकेल दिया और स्वयं न्यायिक जांच की मांग करने आ गए। ऐसे में जांच की कोई आवश्यकता नहीं है। आज़म के इस बयान पर कांग्रेस सदस्यों की नाराजगी और बढ़ी और सबने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए हंगामा तेज कर दिया।
सदन को अव्यवस्थित देख विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने नेता प्रतिपक्ष से हस्तक्षेप कर कांग्रेसियों को समझाने की बात कही। जिसपर नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि लोकतंत्र की समर्थक समाजवादी पार्टी की सरकार ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है। इतना सुनते ही विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को पहले दस मिनट फि र बारह बीस तक के लिए स्थगित कर दिया। स्थगन काल के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को भूतपूर्व सदस्यों के निधन की सूचना दी और समेत समूचे सदन ने दो मिनट का मौन रख सभी भूतपूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद कांग्रेस सदस्य एक बार फि र वेल में आ गये और सरकार विरोधी नारे लगाते हुए लाठीचार्ज मामले की न्यायिक जांच की मांग करने लगे। पीठ से विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा कई बार आग्रह को न मानते हुए कांग्रेस सदस्य हंगामा करते रहे। ऐसे में सदन को अव्यवस्थित देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को पहले 10 मिनट फि र एक बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
सदन की कार्यवाही एक बार फि र शुरू हुयी तो कांग्रेस के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने मात्र तीन मिनट में अनुपूरक बजट पारित करा दिया। इस दौरान कृषि उत्पादन मण्डी (द्वितीय संशोधन) विधेयक और उत्तर प्रदेश प्रावधिक विश्वविद्यालय (यूपीटियू) संशोधन विधेयक भी पटल पर रखे गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थागित कर दिया गया। उधर विधानपरिषद में सदन कल तक के लिए स्थगित होने के बाद भी कांग्रेस के कुछ सदस्य शाम तक धरने पर बैठे रहे।