एनएसए वार्ता: अपने अपने रूख भारत-पाक कायम

nsa varta
नई दिल्ली। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज से मुलाकात का आमंत्रण पाने वाले कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की अचानक गिरफ्तारी और फिर कुछ देर बाद रिहाई के घटनाक्रम से भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ अजीज की वार्ता को लेकर हालांकि कुछ अजीब स्थिति पैदा हुई लेकिन दोनों पक्ष वार्ता को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ाने के रूख पर कायम हैं। पाकिस्तानी उच्चायोग ने कटटरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी और उमर फारूक सहित अन्य अलगाववादी नेताओं को अजीज से मिलने का आमंत्रण दिया है। इससे भारत नाराज है लेकिन पाकिस्तान आमंत्रण को यह कहकर सही ठहरा रहा है कि ऐसी बैठकें होना ‘सामान्यÓ है । पाकिस्तान के विदेश विभाग ने इस्लामाबाद में कहा कि हुर्रियत नेताओं के साथह विचार विमर्श सामान्य मसला है और लंबे समय से ऐसा होता चला आ रहा है। हुर्रियत नेताओं को अचानक नजरबंद किये जाने से वार्ता के परिदृश्य में नया मोड़ आया और अटकलें लगने लगीं कि पाकिस्तान इस पर क्या प्रतिक्रिया देगा। दो घंटे बाद ही हालांकि नेताओं पर लगाया गया प्रतिबंध समाप्त कर दिया गया। सरकारी सूत्रों की माने तो अलगाववादी नेताओं को हिरासत में लेना पाकिस्तान के लिए संदेश है कि आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच चर्चा में कोई तीसरा पक्ष नहीं होगा। ये इस बात का भी संकेत है कि अगर अलगाववादी नेताओं को अजीज से मुलाकात करने से रोकने की आवश्यकता पडी तो उन्हें फिर हिरासत में लिया जा सकता है। फिलहाल भारत-पाक एनएसए स्तर की वार्ता निर्धारित कार्यक्रम के तहत होती दिख रही है लेकिन यदि अलगाववादियों को दिल्ली आकर अजीज से मुलाकात से रोका गया तो घटनाक्रम नया मोड़ ले सकते हैं।