निर्भया कांड की पुनरावृत्ति: दरिंदगी की शिकार हुई 8वीं की छात्रा

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विशेष संवाददाता
लखनऊ। राजधानी में गुरूवार को दिल्ली के निर्भयाकांड की तर्ज पर एक और घटना को अंजाम दिया गया। शहर के गोमतीपार स्थित महानगर क्षेत्र में स्कूल से घर जा रही एक 8वीं की छात्रा को दिनदहाड़े कार सवार बदमाशों ने अगवा कर उसके साथ गैंगरेप किया और भाग निकले। बेहोशी हालत में छात्रा निशातगंज पुल के नीचे पड़ी मिली तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। बताया गया कि घटना को अंजाम देने वालों ने उसके निजी अंगों पर चाकुओं से वार करके दिल्ली के निर्भयाकांड की याद ताजा कर दी।
लहूलुहान छात्रा को बलरामपुर अस्पताल भेजा गया। हालांकि पुलिस इस घटना को पहले रफा-दफा करने की फिराक में रही, लेकिन स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस मंशा पर पानी फेर दिया। पुलिस ने अज्ञात लोगो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है। हालांकि देर शाम तक पुलिस आरोपियों को पकड़ नहीं सकी थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार 17 वर्षीय बालिका महानगर स्थित नवयुग इंटर कॉलेज में 8वीं की छात्रा है। रोज की तरह वह गुरूवार को भी कॉलेज गई और वहां से दोपहर बाद छुट्टी होने के बाद वापस घर लौट रही थी कि रास्ते में कार सवार 4-5 बदमाशों ने घसीटकर छात्रा को कार में बंधक बना लिया। बताया गया कि बेखौफ बदमाशों ने उसे सुनसान जगह ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। छात्रा निशातगंज पुल के नीचे बेहोशी हालत में पड़ी मिली। घटना की सूचना पाकर एसएसपी राजेश कुमार सहित अन्य पुलिस अधिकारी जब तक मौके पर पहुंचते कि बदमाश भाग चुके थे। एसपी ट्रांसगोमती मनिराम यादव के मुताबिक घायल छात्रा को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि पिता की तहरीर पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस का दावा है कि प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा बताये गये हुलिए के आधार पर बदमाशों की तलाश की जा रही है। उल्लेखनीय है कि गुरूवार को जिस तरह की घटना को अंजाम दिया गया उसी तर्ज पर लगभग तीन साल पहले देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को बस में बदमाशों ने प्रदेश के बलिया जनपद की दिल्ली में रहने वाली छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसके निजी अंग पर राड से वार कर किया और इलाज के दौरान उसकी सिंगापुर में मौत हो गई थी। राजधानी में गुरूवार को घटी घटना कोई नई बात नहीं है इससे वर्ष 2014 में 17 जुलाई को बलसिंह खेड़ा गांव के पास दरिदगी की शिकार हुई महिला और अमीनाबाद निवासी विधि छात्रा गौरी हत्याकांड (2 फरवरी 2105) की हत्या कर उसके शव को टुकड़ों में करके अलग-अलग स्थानों फेंका गया था। महिला उत्पीडऩ की इन घटनाओं से साफ है कि पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा महिला सुरक्षा के नाम पर बढ़चढ़ किए जा रहे दावें मात्र हवाहवाई है।